(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बुधवार को संवाददाताओं को जानकारी देने वाली विंग कमांडर व्योमिका सिंह एक कुशल हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जिन्होंने कई तरह के विमान उड़ाए हैं और जटिल परिस्थितियों में नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियानों में भाग लिया है।
उन्होंने एक बार एक चैनल के कार्यक्रम में बताया था कि किस तरह उनका नाम व्योमिका उनके पायलट बनने की यात्रा में मददगार रहा।
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के सशस्त्र बलों ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की हत्या के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सैन्य हमले किए गए।
प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव मिसरी के साथ दो महिला अधिकारी – विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया मंच पर बैठी थीं जिन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार की ओर से शुरुआती बयान दिया।
दोनों महिला अधिकारियों ने भारतीय सेना द्वारा निशाना बनाए गए स्थलों के बारे में जानकारी मीडिया से साझा की।
व्योमिका के पति भी भारतीय वायु सेना में पायलट हैं। उन्होंने 2023 में एक निजी चैनल द्वारा आयोजित पैनल चर्चा के दौरान साझा किया था कि कैसे उनका नाम-व्योमिका, पायलट बनने की उनकी नियति में सहयोगी रहा।
व्योमिका ने बताया, ‘‘मैं कक्षा-6 में थी तभी एक ‘यूरेका’ क्षण आया। मुझे लगा कि मैं पायलट बनना चाहती हूं और आसमान में उड़ान भरना चाहती हूं। हम नामों के अर्थ को लेकर कक्षा में चर्चा कर रहे थे। तभी कोई चिल्लाया कि ‘तुम व्योमिका हो, जिसका अर्थ है व्योम (आकाश) तुम्हारा है’। उसी दिन से मैं पायलट बनना चाहती थी। यह 1990 के दशक की शुरुआत की बात है।’’
‘नारी शक्ति’ के विषय पर हुई उस चर्चा में व्योमिका ने वायु सेना में शामिल होने और पायलट बनने की अपनी यात्रा के बारे में भी बताया।
पायलट बनने का सपना देखने से लेकर 2,500 से अधिक उड़ान घंटे पूरे करने तक, व्योमिका ने देश के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में कई हेलीकॉप्टरों का परिचालन किया है। इनमें जम्मू कश्मीर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से लेकर पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाके शामिल हैं।
साल 2020 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एक बचाव अभियान का नेतृत्व किया और नागरिकों को बचाने के लिए अत्यंत कठिन परिस्थितियों में उड़ान भरी।
वायु सेना अधिकारी ने निजी चैनल को बताया था, ‘‘यह (वायु सेना में) एक शानदार अनुभव रहा है और मुझे यह बहुत पसंद है।’’
भाषा वैभव नरेश
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