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मंगलवार, 10 जून, 2025
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बिहार के 10 जिलों में 1308 जनजातीय परिवारों को पक्का मकान देगी सरकार—सम्राट चौधरी का दावा

चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए.

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नई दिल्ली: बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के 1308 परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है.

चौधरी ने कहा कि यह योजना डबल इंजन सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत कमजोर समुदायों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं.

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल 2025 को जारी पत्र के माध्यम से बिहार राज्य को इस योजना में शामिल किया गया है.

चौधरी ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ने राज्य के 10 जिलों – बांका, कैमूर (भभुआ), भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया एवं सुपौल में असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहइया, सौरियापहाड़िया एवं सावर जनजाति के परिवारों को चिन्हित किया है, जो इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे.

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जहां अब तक लाभुकों को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में मिलती थी, वहीं PM-JANMAN योजना के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए यह राशि बढ़ाकर 2.00 लाख रुपये कर दी गई है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सहायता राशि का भुगतान चार बराबर किस्तों में किया जाएगा. प्रथम किस्त 50,000 रुपये की होगी जो आवास की स्वीकृति के बाद दी जाएगी. द्वितीय किस्त 50,000 रुपए की होगी जो भूतल सतह (प्लिंथ) तक निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दिया जाएगा. तृतीय किस्त 50,000 रुपये की होगी जो लिंटर तक कार्य पूरा होने पर दी जाएगी, और अंतिम चौथी किस्त 50,000 रुपये की होगी जो छत स्तर से ऊपर फिनिशिंग कार्य पूरा होने के बाद दी जाएगी.

चौधरी ने कहा कि इसके अतिरिक्त प्रत्येक लाभुक को मनरेगा के अंतर्गत लगभग 27,000 रुपये की मजदूरी तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,000 रुपये की राशि शौचालय निर्माण के लिए दी जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक परिवार को कुल 2.39 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी.

उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनके पास पहले से पक्का मकान नहीं है और जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं है. सुपात्र परिवारों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के पात्रों की पहचान के उपरांत योग्य परिवारों को “आवास” सॉफ्ट पोर्टल पर निबंधित किया जाएगा. इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की तर्ज पर 60:40 के अनुपात में निर्धारित की गई है.

चौधरी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए.


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