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Friday, 22 November, 2024
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यूपी पुलिस से बचाकर प्रियंका गांधी को स्कूटी पर ले जाने वाला वो कांग्रेस का युवा नेता कौन है

धीरज भीलवाड़ा की जहाजपुर विधानसभा सीट से 2013-2018 तक कांग्रेस के विधायक रहे हैं. वो भाजपा की बहुमत वाली वसुंधरा राजे की सरकार की नाक में दम करने वाले विधायकों में से एक कहे जाते हैं.

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नई दिल्ली: प्रियंका गांधी नागिरकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदशर्नों में गिरफ्तार हुए पूर्व र्आईपीएस अधिकारी दारापुरी के परिवार से 28 दिसम्बर को मिलने जा रही थीं कि सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया. पुलिस ने कहा उन्होंने बिना बताए रास्ता बदला है और अनुमति भी नहीं ली है. पूर्व आईपीएस अधिकारी से मिलने जाने के दौरान उनकी यूपी पुलिस के अधिकारियों से कुछ धक्का मुक्की भी हुई और प्रियंका ने उनपर गला दबाए जाने का आरोप भी लगाया. लेकिन प्रियंका अडिग थीं उन्होंने दारापुरी के परिवार वालों से मिलने के लिए  कभी पैदल तो कभी स्कूटी का सहारा लिया.

स्कूटी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें कांग्रेस के एक युवा नेता स्कूटी चलाते नजर आए और प्रियंका पीछे बैठी नजर आईं. ये युवा नेता थे- कांग्रेस के नेशनल सेक्रेटरी धीरज गुर्जर.

दिप्रिंट से बातचीत में धीरज गुर्जर ने बताया, ‘उस वक्त मेरे दिमाग में येन केन प्रकारेण गंतव्य पर प्रियंका गांधी को सुरक्षित पहुंचाने की बातें चल रही थीं. मुझे उन्हें वहां तक पहुंचाना था क्योंकि पुलिस रोक रही थी. मैंने स्कूटी ज्यादा तेज नहीं चलाई थी. वीडियो में ज्यादा लग रहा होगा. वो करीब ढाई किलोमीटर तक स्कूटी पर मेरे साथ थीं. लोहिया रोड पर एक महिला पुलिस अधिकारी आईं और हमें रोकने का प्रयास किया. प्रियंका गांधी ने उनसे कहा कि उनके साथ ना ही कोई मीडिया है और ना ही ज्यादा लोग. सिर्फ चार-पांच लोग ही हैं लेकिन पुलिस ने गाड़ी आगे नहीं जाने दी.’

धीरज आगे बताते हैं, जब स्कूटी रोकी गई तो प्रियंका गांधी पैदल ही चल पड़ीं. करीब 4 से 6 किलोमीटर चलने के बाद पुलिस ने उन्हें फिर रोकने की कोशिश की. इतने में मैंने एक कार्यकर्ता को स्कूटी से आते हुए देखा. मैनें तुरंत स्कूटी उससे ली और प्रियंका गांधी को पीछे बिठाकर करीब ढाई किलोमीटर की दूरी तय कर रिटायर्ड अधिकारी के घर पहुंचा.’

कौन हैं धीरज

धीरज भीलवाड़ा की जहाजपुर विधानसभा सीट से 2013-2018 तक कांग्रेस के विधायक रहे हैं. वो भाजपा की बहुमत वाली वसुंधरा राजे की सरकार की नाक में दम करने वाले विधायकों में से एक कहे जाते हैं. जहाजपुर के लिए 2018 में वह अनशन पर भी बैठ चुके हैं. सितंबर 2018 में अपनी विधानसभा जहाजपुर के लिए 15 मांगों को लेकर धीरज गुर्जर आमरण अनशन पर बैठे थे. उन्होंने इस बाबत बताया कि सरकार को खून से खत भी लिखे थे. उनकी मुख्य मांगों में प्रधानमंत्री आवास योजना, सिंचाई के लिए पानी इत्यादि थीं.

फरवरी 2019 में धीरज गुर्जर को कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है.

प्रियंका गांधी धीरज गुर्जर के साथ/फोटो/दिप्रिंट

कांग्रेस को लेकर धीरज कहते हैं कि मैं जो कुछ भी हूं राहुल गांधी की वजह से ही हूं. उन्होंने ही मुझे आगे बढ़ाया है.
धीरज अजमेर की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है और वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2019 के पहले उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लगाया गया था.

राजस्थान की राजनीति से बाहर निकलकर राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद इस वक्त बढ़ा है. लगभग 40 साल के धीरज अपने तेज-तर्रार भाषणों के लिए जाने जाते हैं. संभवतः ये ही वजह थी कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की टीम को नया बनाने के लिए धीरज को चुना.

छात्र राजनीति से विधायक तक का सफर 

धीरज बताते हैं, ‘मेरे पिताजी भीलवाड़ा बीएसएल में मज़दूर थे. मेरे घर से दसवीं करने वाला मैं पहला व्यक्ति हूं. भीलवाड़ा कॉलेज में आने के बाद मेरी रूची राजनीति में हुई. कांग्रेस से विचारधारा मिलती थी क्योंकि यही एक पार्टी है जो सबको साथ लेकर चलती है. चूंकि धीरज ने कॉलेज से राजनीति की शुरुआत की इसलिए उन्होंने पहला कदम कांग्रेस पार्टी की छात्र विंग एनएसयूआई में रखा.

2002 में एनएसयूआई के बेस्ट डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट का सम्मान मिला. यह सम्मान सोनिया गांधी ने खुद दिया था. 2004 में एनएसयूआई का राज्य अध्यक्ष बना और  2009 तक रहा. 2009 से 2013 तक ज़मीन पर काम किया. 2013 में चुनाव जीतकर विधायक बना.’

बिना हेलमेट स्कूटी चलाने पर हुई किरकिरी

धीरज जब प्रियंका गांधी को स्कूटी पर पीछे बैठाए लखनऊ की सड़कों पर पुलिस से खुद को बचा रहे थे तब उन्होंने हेलमेट नहीं लगा रखा था. बिना हेलमेट स्कूटी चलाने के लिए धीरज और प्रियंका की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है. इस पर धीरज कहते हैं, ‘पुलिस पैदल चलने तक कि अनुमति नहीं दे रही थी हम क्या करें किसी को भी प्रोटेस्ट नहीं करने दे रही है.’

विधायक रहते हुए धीरज गुजर्र ने अपनी विधानसभा को हमेशा चर्चा में रखा. मेवाड़ क्षेत्र में स्थित भीलवाड़ा के बारे में कहानी है कि यहां के भीलों ने मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ युद्ध में महाराणा प्रताप की मदद की थी. भीलवाड़ा को सामान्यतया टेक्सटाइल उद्योग के लिए जाना जाता है देश में चल रही मंदी में भीलवाड़ा का टेक्सटाइल उद्योग भी लपेटे में आया है.

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