(सुमीर कौल)
नयी दिल्ली/श्रीनगर, 23 नवंबर (भाषा) श्रीनगर में पुलिस पूछताछ कक्ष का माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में हिरासत में लिए गए हरियाणा के एक मौलवी का ध्यान गिरफ्तार डॉक्टरों द्वारा बकाया किराए पर केंद्रित है।
हरियाणा के मेवात के मौलवी इश्तियाक को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय के बाहर स्थित उनके किराए के आवास से अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोरेट और सल्फर सहित 2,500 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद होने के बाद हिरासत में लिया था।
विश्वविद्यालय से गिरफ्तार किए गए ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल के एक प्रमुख सदस्य डॉ. मुजम्मिल गनई से पूछताछ के दौरान इश्तियाक का नाम सामने आया। गनई की निशानदेही पर पुलिस टीम ने मौलवी के आवास से विस्फोटक बरामद किए थे।
श्रीनगर पुलिस द्वारा गहन जांच के बाद 10 नवंबर को इस सफेदपोश मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ और तीन डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। मॉडयूल का भंडाफोड़ होने के बाद इनका अन्य साथी डॉ. उमर नबी फरार हो गया। उमर विस्फोटकों से लदी कार चला रहा था, जिसमें लाल किले के बाहर विस्फोट होने से 15 लोग मारे गए।
अधिकारियों के अनुसार, मौलवी इश्तियाक ने पूछताछ में एक अलग ही कहानी सुनाई, जिसमें उसने दावा किया कि गनई और उमर ने इस वर्ष की शुरुआत में उससे संपर्क किया था, तथा उसे अपने घर पर ‘‘उर्वरक’’ जैसी कुछ चीजें रखने के लिए कहा था, जिसके एवज में 2500 रुपये मासिक किराया देने का वादा किया गया था।
जांचकर्ताओं ने बताया कि इश्तियाक को मौजूदा स्थिति की गंभीरता की कोई चिंता नहीं थी तथा उसकी चिंता गनई और उमर द्वारा पिछले छह महीनों से नहीं चुकाए गए किराये की वसूली को लेकर थी।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले तथा अपने चार बच्चों और परिवार का भरण-पोषण करने के लिए संघर्ष कर रहे इश्तियाक ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण, श्रीनगर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों से कहा कि वे गनई से बकाया किराया वसूल करें, ताकि वह पैसा अपने घर वालों को भेज सके।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मौलवी इश्तियाक द्वारा जताई गई बकाया किराये की चिंता आतंकवादी साजिशों के बीच उलझे जीवन की विचित्र और दुखद झलक पेश करती है।
अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ के दौरान गनई ने भी इश्तियाक की बातों की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि मौलवी इश्तियाक को आगे की कार्रवाई के लिए राज्य जांच एजेंसी को सौंप दिया गया है।
भाषा शफीक दिलीप
दिलीप
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