नई दिल्ली: व्हाट्सऐप ने मंगलवार को कहा कि उसके ताजा नीतिगत बदलावों से संदेशों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होती है और इसके साथ ही फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी ने उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताओं को दूर करने की कोशिश की.
व्हाट्सऐप ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा कि वह विज्ञापनों के उद्देश्य से उपयोगकर्ताओं की संपर्क सूची या समूहों के डेटा को फेसबुक के साथ साझा नहीं करती है और व्हाट्सऐप या फेसबुक न तो व्हाट्सऐप पर उपयोगकर्ताओं के संदेश को पढ़ सकते हैं और न ही कॉल सुन सकते हैं.
पिछले हफ्ते व्हाट्सऐप ने अपनी सेवा शर्तों और गोपनीयता नीति में एक बदलाव के बारे में बताया था कि वह किस तरह उपयोगकर्ताओं के डेटा का इस्तेमाल करती है और किसी तरह फेसबुक के साथ उन्हें साझा किया जाता है.
व्हाट्सऐप ने यह भी कहा कि उसकी सेवा का उपयोग जारी रखने के लिए उपयोगकर्ताओं को आठ फरवरी 2021 तक नई शर्तों और नीति को स्वीकार करना होगा.
इसके बाद व्हाट्सऐप द्वारा कथित रूप से फेसबुक के साथ उपयोगकर्ताओं की सूचना साझा करने को लेकर इंटरनेट पर चर्चा शुरू हो गई और कई लोगों ने टेलीग्राम और सिग्नल जैसे प्रतिस्पर्धी मंचों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया.
व्हाट्सऐप ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि नीति में बदलाव से किसी भी तरह से दोस्तों या परिवार के साथ आपके संदेशों की गोपनीयता प्रभावित नहीं होगी. इसकी जगह इस बदलाव में व्हाट्सएप पर किसी व्यवसाय को संदेश देने से संबंधित परिवर्तन शामिल हैं, जो वैकल्पिक है, ये इस बारे में अधिक पारदर्शिता लाते हैं कि हम किस तरह डेटा जमा करते हैं और उपयोग करते हैं.’
ब्लॉग में कहा गया कि व्हाट्सऐप मैसेजिंग को तेज और विश्वसनीय बनाने के लिए एड्रेस बुक से केवल फोन नंबर (उपयोगकर्ता की अनुमति पाने के बाद) तक पहुंचा जाता है और फेसबुक के अन्य ऐप के साथ संपर्क सूची साझा नहीं की जाती है.
साथ ही कहा गया कि विज्ञापनों के लिए फेसबुक के साथ इस डेटा को साझा नहीं किया जाता है.
इंटरनेट सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजाहरिया की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कम से कम 1,700 निजी व्हाट्सएप ग्रुप के लिंक एक वेब खोज के माध्यम से गूगल पर दिखाई दे रहे थे.
गौरतलब है कि महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा, पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा और फोनपे के सीईओ समीर निगम सहित कई कारोबारी दिग्गजों ने कहा है कि वे दूसरे मंचों पर चले जाएंगे.