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Friday, 22 November, 2024
होमदेशपंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल दिल्ली में अमित शाह से मिलेंगे

पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल दिल्ली में अमित शाह से मिलेंगे

पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान जमकर हिंसा हुई. राज्य में राजनीतिक दलों ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

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नई दिल्ली: राज्य में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस दिल्ली जाएंगे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्यपाल सीवी आनंद बोस पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्री वार्तालाप करेंगे.

पश्चिम बंगाल में शनिवार को हुए पंचायत चुनाव के मतदान के दौरान जमकर हिंसा हुई. राज्य में राजनीतिक दलों ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया और उनकी हत्या कर दी गई.

तृणमूल कांग्रेस ने मतदान के दिन हुई हिंसा में मरे लोगों में 60 प्रतिशत लोगों को टीएमसी कार्यकर्ता बताया. हालांकि, पार्टी ने पूरी संख्या नहीं बताई है. टीएमसी हताहतों का अनौपचारिक आंकड़ा 8 है.

दूसरी ओर भाजपा, सीपीआईएम, कांग्रेस और आईएसएफ ने आधिकारिक तौर पर दावा किया कि उनकी पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता की मौत हुई.

राज्य चुनाव आयोग ने रविवार सुबह तक मौत का आधिकारिक डेटा शेयर नहीं किया था, लेकिन राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने कहा कि तीन मौतों की सूचना राज्य चुनाव आयोग को दी गई थी.

इससे पहले, चुनाव के दिन मीडिया को संबोधित करते हुए, सिन्हा ने कहा था, “हत्या करना राज्य के खिलाफ अपराध है, एसईसी के खिलाफ नहीं.” राज्य चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा ने शनिवार को चुनाव निकाय के कार्यालय ये बातें कही थी.

पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रमुख डॉ. सुकांत मजूमदार ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से बात की. उन्होंने राजनीतिक हिंसा के संबंध में गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय से भी बात की और कहा कि वह उनको एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की मांग की है.

कांग्रेस नेता और वकील कौस्तव बागची ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को एक विशेष पीठ गठित करने और स्वत: कार्रवाई करने तथा पंचायत चुनाव को रद्द करने की मांग को लेकर एक ईमेल भेजा है. उन्होंने राजनीतिक हत्याओं के लिए राज्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ एफआईआर की भी मांग की है.

कूचबिहार के सीताई में कथित तौर पर मतपेटियों में आग लगा दी गई. कई जगहों पर मतपेटियों को लूट ली गईं, फर्जी वोट डाले गए और पेटियां तालाबों में फेंक दी गईं. पीठासीन अधिकारियों को डराने-धमकाने के बाद रोते-बिलखते देखा गया. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से कहा, “यह लूट का चुनाव है, जो टीएमसी अगले पांच साल तक करती रहेगी.”

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्वतंत्र और निष्पक्ष ग्रामीण चुनावों के लिए राज्य भर में केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया था. पिछले सोमवार को अदालत के आदेश के मुताबिक, 11 जुलाई को नतीजे आने के 10 दिन बाद तक केंद्रीय बल राज्य में बने रहेंगे.


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