कोलकाता, 28 जनवरी (भाषा) विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने यह कह कर एक विवाद छेड़ दिया है कि रविंद्रनाथ टैगोर के सपनों के इस संस्थान को ‘बोलपुर भारती’ या ‘पश्चिम बंगो भारती’में तब्दील कर दिया गया है।
बोलपुर, बीरभूम जिले में है, जहां यह विश्वविद्यालय स्थित है।
चक्रवर्ती ने संस्थान के परिसर में बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि वह रामगढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय के आगामी नये कैम्पस को इसी तर्ज पर उत्तराखंड भारती नहीं बनने देंगे।
उनके बयान पर आपत्ति जताते हुए टीएमसी के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुव्रत मंडल ने कहा कि उनके बयान ने बोलपुर के लोगों और विश्वविद्यालय के अन्य हिताधारकों का अपमान किया है।
मंडल ने चक्रवर्ती को पद से फौरन हटाने की मांग की।
इससे पहले, कुलपति ने यह कह कर विवाद छेड़ दिया कि स्थानीय कारोबारी, बोलपुर के निवासियों का एक वर्ग और कुछ छात्र तथा संकाय सदस्यों ने वित्तीय संकट से जूझ रहे संस्थान के साथ सोने के अंडे देने वाली मुर्गी जैसा बर्ताव किया है।
उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘विश्व भारती को कुछ वर्षों में पश्चिम बंगो भारती या बोलपुर भारती में तब्दील कर दिया गया है। हम कदम-कदम पर विरोध और आलोचना का सामना करते हैं। मैं सुनिश्चित करूंगा कि विश्वविद्यालय के आगामी रामगढ़, उत्तराखंड परिसर में यही चीजें नहीं हो। यह टैगोर के आदर्शों को कायम रखेगा।’’
कुलपति पौष मेला मैदान के चारों ओर बाढ़ लगाने के कदम और इस साल सालाना मेला को रद्द करने के अपने फैसले की आलोचना का संभवत: जिक्र कर रहे थे।
इस बीच, छात्र संगठन एसएफआई और आईसा की विश्वविद्यालय में सुरक्षाकर्मियों से उस वक्त झड़प हो गई जब उन्हें (छात्र संगठनों के सदस्यों को भौतिक कक्षाएं फिर से शुरू करने की मांग करने वाला एक ज्ञापन कुलपति को सौंपने के लिए केंद्रीय कार्यालय में जाने देने से रोक दिया गया।
भाषा सुभाष पवनेश
पवनेश
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