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मंगलवार, 17 जून, 2025
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बांग्लादेश की आजादी में भारत और पश्चिम बंगाल की भूमिका कभी नहीं भूलेंगे : ममता

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(तस्वीरों के साथ)

कोलकाता, 16 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह बांग्लादेश की आजादी के लिए 1971 की लड़ाई में भारत और पश्चिम बंगाल द्वारा निभाई गई भूमिका को कभी नहीं भूलेंगी।

ममता बनर्जी ने सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘मिलिट्री टैटू’ में हिस्सा लिया और 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों को श्रद्धांजलि दी,जिनकी वजह से बांग्लादेश का एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर उदय हुआ।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बांग्लादेश की स्वतंत्रता के आंदोलन में भारत और पश्चिम बंगाल की भूमिका को कभी नहीं भूलूंगी।’’

पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में आयोजित विजय दिवस समारोह में पड़ोसी देश के मुक्तियोद्धा भी उपस्थित थे।

बनर्जी ने याद दिलाया कि किस प्रकार भारतीय लोगों ने 1971 में तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान में बंगाली जनता को सहायता प्रदान की थी तथा लगभग एक करोड़ शरणार्थियों को शरण दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि मुझे वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं है, इसलिए मेरे लिए इस बारे में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा।’’

बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना नीत अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से वहां अशांति बनी हुई है, तथा अल्पसंख्यक हिंदू आबादी पर 200 से अधिक हमले हुए हैं। बांग्लादेश की कुल 17 करोड़ की आबादी में आठ प्रतिशत हिंदू हैं।

‘मिलिट्री टैटू’ में पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल आर सी तिवारी ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में भांगड़ा नृत्य प्रस्तुत किया गया और वायुसैनिकों ने हवा में करतब दिखाए। इसके अलावा इसमें फ्लाई पास्ट, स्काई डाइविंग, श्वान प्रदर्शनी आदि आकर्षण का केंद्र रहा। यह आयोजन कोलकाता के आरसीटीसी मैदान में हुआ।

भाषा धीरज संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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