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Wednesday, 10 September, 2025
होमदेशदशहरा उत्सव में बानू मुश्ताक का विरोध करने वालों से हम राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ंगे : सिद्धरमैया

दशहरा उत्सव में बानू मुश्ताक का विरोध करने वालों से हम राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ंगे : सिद्धरमैया

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विजयपुरा, छह सितंबर (भाषा)कर्नाटक के मैसुरु में आयोजित किये जाने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा उत्सव का उद्घाटन अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित बानू मुश्ताक से कराने का विरोध करने वालों से राजनीतिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

भाजपा नेता और मैसुरु के पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा ने शनिवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राज्य सरकार द्वारा मुश्ताक को दशहरा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। इस बारे में पूछे जाने पर सिद्धरमैया ने यह टिप्पणी की।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत खुशी है, उन्हें (सिम्हा को) अदालत जाने दीजिए, इसका फैसला अदालत में होगा। जब (कवि) निसार अहमद ने दशहरा का उद्घाटन किया था, तब कोई अदालत क्यों नहीं गया था? वह (सिम्हा) उस समय सांसद थे।’’

सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हैदर अली और टीपू सुल्तान ने मैसुरु में अपने शासन के दौरान दशहरा उत्सव मनाया था और मैसूर के दीवान के रूप में मिर्जा इस्माइल दशहरा जुलूस के दौरान हाथी पर सवार होकर जाते थे।

उन्होंने कहा, ‘‘वे (भाजपा) राजनीति के लिए विरोध कर रहे हैं, हम इसे राजनीतिक रूप से भी लड़ेंगे, और अदालत में कानूनी रूप से भी लड़ेंगे।’’

मैसुरु दशहरा उत्सव 22 सितंबर से शुरू होगा और विजयादशमी पर समाप्त होगा, जो इस वर्ष दो अक्टूबर को है।

बानू मुश्ताक का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद, भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने राज्य सरकार द्वारा लेखिका को दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित करने के फैसले पर आपत्ति जतायी है।

वीडियो में, मुश्ताक को कथित तौर पर कन्नड भाषा को ‘देवी भुवनेश्वरी’ के रूप में पूजा करने पर आपत्ति जताते और यह कहते सुना जा सकता है कि यह उनके जैसे लोगों (अल्पसंख्यकों) के लिए बहिष्कारपूर्ण है।

दशहरा का उद्घाटन पारंपरिक रूप से मैसूरु में चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर परिसर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसूरु और उसके राजघरानों की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी के विग्रह पर पुष्प वर्षा करके किया जाता है।

भाषा

धीरज माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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