बेंगलुरु, एक मार्च (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी में सॉफ्टवेयर तैयार करना हमेशा से एक आंतरिक दायित्व रहा है, जो पर्यावरण विज्ञान से लेकर भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान आदि क्षेत्रों के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों द्वारा संचालित होती है।
उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम), बेंगलोर द्वारा आयोजित सॉफ्टवेयर उत्पाद प्रबंधन (एसपीएम) शिखर सम्मेलन में कहा, ‘‘हम इन महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर प्रणालियों को आउटसोर्स नहीं करते, क्योंकि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयोगों के बीच गहन एकीकरण के लिए क्षेत्र विशेष की गहन समझ की आवश्यकता होती है।’’
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन 28 फरवरी और एक मार्च को आयोजित किया गया, जिसका सातवां संस्करण ‘सॉफ्टवेयर उत्पाद प्रबंधन उत्कृष्टता’ विषय पर आधारित था।
आईआईएम बेंगलोर द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया, ‘‘सॉफ्टवेयर का हर हिस्सा, चाहे वह उपग्रह संचालन, डेटा विश्लेषण या मिशन सिमुलेशन के लिए हो, सटीकता, सुरक्षा और वैज्ञानिक दृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए अंतरिक्ष एजेंसी में ही बनाया गया है। पिछले कुछ वर्षों में, हमने भू-स्थानिक डेटा पोर्टल, आपदा प्रबंधन प्लेटफॉर्म और जलवायु निगरानी उपकरणों के लिए जटिल सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित किए हैं, जो सरकारों, शोधकर्ताओं और आम लोगों की सेवा कर रहे हैं।’’
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सुभाष नेत्रपाल
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