चंडीगढ़, 15 मई (भाषा) हरियाणा के साथ जल बंटवारा विवाद के बीच पंजाब सरकार ने बृहस्पतिवार को पड़ोसी राज्य की 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की नयी ‘अव्यवहारिक’ मांग पर सवाल उठाया।
पंजाब के जल संसाधन मंत्री बरिंदर गोयल ने हरियाणा पर आरोप लगाया कि वह उचित समाधान के प्रति अनिच्छुक है क्योंकि उसने और अधिक पानी की मांग की है।
मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने अधिकारों को छीनने की अनुमति नहीं देंगे।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्य की रणनीति व्यावहारिक समाधान की दिशा में काम करने के बजाय असंभव स्थिति पैदा करने की लगती है।
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने 21 मई से पानी के बंटवारे पर फैसला करने के लिए बृहस्पतिवार को एक तकनीकी समिति की बैठक की।
बोर्ड के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब जल संसाधन सचिव कृष्ण कुमार और मुख्य अभियंता शेर सिंह शामिल हुए।
बैठक में हरियाणा और राजस्थान के मुख्य अभियंताओं ने भाग लिया, जबकि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों ने ‘वर्चुअल’ माध्यम से इसमें भाग लिया।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोयल ने कहा कि हरियाणा ने 8,500 क्यूसेक पानी की अपनी पिछली मांग दोहराई है, जबकि हमारी तकनीकी टीम ने स्पष्ट रूप से समझा दिया है कि इसे उपलब्ध कराना असंभव है।
उन्होंने कहा कि पंजाब मानवीय आधार पर चार अप्रैल से 4,000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति कर रहा है। गोयल ने कहा कि हरियाणा ने अब 21 मई से 10,300 क्यूसेक पानी की नयी मांग की है, जो ‘असंभव’ है क्योंकि भाखड़ा मेन लाइन नहर (बीएमएल) नहर की क्षमता 11,700 क्यूसेक पानी ले जाने की है।
गोयल ने कहा, ‘‘पंजाब को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए 3,000 क्यूसेक पानी की जरूरत है।’’
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
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