scorecardresearch
Thursday, 31 October, 2024
होमदेशअभियुक्त को HC द्वारा ‘भविष्य की संपत्ति’ बताकर ज़मानत देने पर IIT-G की ‘रेप’ पीड़िता ने कहा- मुझे दरकिनार किया गया

अभियुक्त को HC द्वारा ‘भविष्य की संपत्ति’ बताकर ज़मानत देने पर IIT-G की ‘रेप’ पीड़िता ने कहा- मुझे दरकिनार किया गया

रेप पीड़िता का बयान गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक आदेश की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें कदम को ज़मानत दे दी गई, ये लिखने के बावजूद कि उसके खिलाफ ‘पहली नज़र में’ साफ केस बनता है.

Text Size:

गुवाहाटी: गुवाहाटी उच्च न्यायालय द्वारा 21 वर्षीय रेप अभियुक्त और आईआईटी छात्र उत्सव कदम को ज़मानत देने और उसे राज्य के ‘भविष्य की संपत्ति’ बताने के कुछ ही दिन बाद पीड़िता ने जो आईआईटी गुवाहाटी में ही साथी छात्र है, ने कहा कि वो अकेला महसूस करती है और ऐसा लगता है जैसे उसे ‘दरकिनार’ कर दिया गया है. तीसरे वर्ष की आईआईटी छात्रा का कॉलेज में उसके सीनियर ने, इस साल मार्च में कथित रूप से बलात्कार किया था.

रेप पीड़िता का बयान गुवाहाटी हाईकोर्ट के एक आदेश की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें कदम को ज़मानत दे दी गई, ये लिखने के बावजूद कि उसके खिलाफ ‘पहली नज़र में’ साफ केस बनता है. इस बात पर ज़ोर देते हुए कि मामले में जांच पूरी हो चुकी है, और अभियुक्त को हिरासत में बनाए रखना ‘ज़रूरी नहीं है.’ न्यायमूर्ति अजीत बोर्थाकुर ने 13 अगस्त को कहा था कि मुख़बिर/पीड़ित लड़की और अभियुक्त दोनों राज्य की भविष्य की संपत्ति हैं और दोनों प्रतिभावान छात्र हैं जो आईआईटी गुवाहाटी में तकनीकी कोर्सेज़ की पढ़ाई कर रहे हैं, और दोनों की उम्र 19 से 21 साल के बीच है.

पीड़िता का कहना है कि जब से ज़मानत आदेश आया है, उसे संदेश मिल रहे हैं और वो सोशल मीडिया पोस्ट देख रही है. जिनमें कहा जा रहा है कि किस तरह ये उचित है. उसने कहा, ‘मैं इस बात से डरती हूं कि जैसे ही वो बाहर आया, लोग सोचने लगे कि वो बेगुनाह है, सिर्फ इसलिए कि उसे ज़मानत मिल गई. मैं अकेला महसूस करती हूं, ऐसा लगता है कि जैसे मुझे दरकिनार कर दिया गया है.’

उसने आगे कहा, ‘आईआईटी आपको परिभाषित नहीं करता. ये आपको अवसर देता है, बुद्धिमानी नहीं. यहां पर छात्र होने का मतलब ये ज़रूरी नहीं कि आप भविष्य की संपत्ति होंगे. मैं भी एक आईआईटियन हूं.’

कथित रेप 28 मार्च की रात में हुआ, जब पीड़िता जो उस समय दूसरे वर्ष की छात्रा थी, कथित रूप से अपने हॉस्टल के बाहर दो घंटे तक बेहोशी की हालत में पड़ी रही, जिसके बाद दूसरे छात्रों ने उसे देखा. संस्थान की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की रिपोर्ट के अनुसार, उसकी हालत नाज़ुक बनी रही, जिसके बाद उसे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल ले जाया गया, जहां एक हफ्ता उसका इलाज चला.

उसने दिप्रिंट को फोन पर बताया, ‘जब मैं अस्पताल में थी और चल नहीं पाती थी, तो मेरे कॉलेज के छात्र मेरी पहचान साझा कर रहे थे. वो कहते थे कि मैं नक़ली नारीवादी हूं, मुझे तवज्जो चाहिए और मैं उसका (कदम) करियर तबाह करना चाहती हूं.’

पीड़िता ने कहा कि अस्पताल से छुट्टी होने के बाद, अपने कॉलेज के अधिकारियों की सहायता से उसने थिरेपी भी कराई. लेकिन उसका आरोप था कि उनकी सहायता बस यहीं तक सीमित थी. ‘मैंने सोचा था कि छात्र जिमखाना समिति (एक छात्र संघ) मेरे साथ खड़ी होगी, लेकिन वो नहीं हैं’.

पीड़िता ने दावा किया कि कथित रेप से पहले, अभियुक्त ने उसकी ‘रैगिंग’ भी की थी, जिसे वो नज़र अंदाज़ करती रही, क्योंकि उसे लगा था कि ‘आईआईटीज़ में, रैगिंग कल्चर का बहुत चलन है’.


यह भी पढ़ें : कैसे भारतीय किशोरी नासा की ‘पैनलिस्ट’ बनी और फिर बाहर कर दी गई


दिप्रिंट ने आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक टीजी सीतारमण से फोन पर संपर्क किया, लेकिन उन्होंने ये कहते हुए कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया, कि मामला विचाराधीन है.

‘उम्मीद है वो दोषी ठहराया जाएगा’

आईआईटी-जी में इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के एक पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर ब्रिजेश राय ने कहा, ‘सच कहूं तो किसी को परवाह नहीं है’.

जनवरी 2020 तक आईआईटी में एक दशक तक पढ़ाने वाले राय ने आगे कहा, ‘कोई ज़्यादा जवाबदेही नहीं है. बहुत सी चीज़ें होती रहती हैं. किसी को परवाह नहीं है’.

दिसंबर 2014 में, आईआईटी-जी में डीन अकेडमिक अफेयर्स आलोक कुमार घोषाल को, स्टाफ के एक सदस्य के कथित रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल वो ज़मानत पर बाहर हैं.

मार्च की घटना में कदम के अलावा तीन और छात्र भी आरोपी बनाए गए हैं. आईसीसी रिपोर्ट ने इन तीनों के लिए ‘एक शैक्षणिक सत्र के लिए तुरंत प्रभाव से निष्कासन, हॉस्टल से एक वर्ष के लिए निष्कासन, और तीनों की ओर से पीड़िता को 50-50 हज़ार रुपए के भुगतान’ की सिफारिश की थी. आईसीसी ने ‘यौन शोषण के कोर्ट में साबित होने की सूरत में निलंबित निष्कासन’ की भी सिफारिश की थी. रिपोर्ट में कदम के बारे में कुछ नहीं कहा गया, क्योंकि उसपर कोर्ट में मुक़दमा चल रहा है. अन्य तीन अभियुक्तों पर क़ानूनी कार्यवाही नहीं चल रही है’.

इस बीच, पीड़िता के लिए इंसाफ हासिल करना, एक कठिन लड़ाई है.

उसने दावा किया, ‘मैं बस फैसले का इंतज़ार कर रही हूं, और उम्मीद करती हूं कि वो (कदम) दोषी ठहराया जाएगा. मेरे कुछ दोस्तों ने मुझसे संपर्क तोड़ लिया है. जो दोस्त अस्पताल में मुझसे मिलने आए थे, उन्हें कथित रूप से वरिष्ठों द्वारा धमकाया गया…वो पूछते रहे कि क्या मैं होश में आ गई, और मैंने क्या कहा था. आख़िरकार, लोगों ने मेरे पास आना बंद कर दिया.

हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, कदम के वकील ने उसकी ज़मानत की मांग की थी, ये कहते हुए कि वो ‘क़रीब 21 वर्ष का एक युवा छात्र है, और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (संक्षेप में आई.आई.टी.)गुवाहाटी में केमिकल इंजीनियरिंग में, बी-टेक प्री-फाइनल इयर का एक मेधावी छात्र है.

वकील ने ये भी कहा कि कदम पहले ही न्यायिक हिरासत में क़रीब 120 दिन गुज़ार चुका है और मामले की जांच पूरी हो चुकी है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

share & View comments