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Saturday, 1 March, 2025
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भाजपा के संजय जायसवाल और उपेंद्र कुशवाहा के बीच फिर वाकयुद्ध

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पटना, 24 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल और जनता दल (यूनाइटेड)संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बीच शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वाकयुद्ध छिड़ गया ।

जायसवाल द्वारा फेसबुक पर लिखी गई एक पोस्ट के बाद दोनों के बीच वार-पलटवार शुरू हुआ। जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री कुशवाहा का नाम लिए बिना कटाक्ष किया, ‘‘बिहार के विभिन्न जिलों में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मिल जाए इसके लिए नेताजी ने आंदोलन किया था। शिक्षा में सुधार हो इसके लिए अपने अनुयायियों से हर जिले में धरना व प्रदर्शन करवाया और अंततः नेताजी स्वयं सफल हो गए ।’’

जायसवाल की यह टिप्पणी कुशवाहा के अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जदयू में विलय करने के परोक्ष संदर्भ में थी, जिसमें उन्हें पार्टी का शीर्ष पद और बिहार विधान परिषद की सदस्यता मिली ।

कुशवाहा ने पिछले हफ्ते जायसवाल की तुलना एक रोते-बिलखते बच्चे से की थी, जब भाजपा नेता ने अग्निपथ विरोधी भीड़ द्वारा उनके घर में तोड़फोड़ पर नाराजगी जताई थी।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते भाजपा नेता जायसवाल द्वारा अग्निपथ विरोधी भीड़ द्वारा उनके घर में की गई तोड़फोड़ पर नाराजगी जताये जाने पर कुशवाहा ने उनकी तुलना एक रोते-बिलखते बच्चे से की थी।

जायसवाल की पोस्ट को साझा करते हुए कुशवाहा ने ट्वीट कर पलटवार किया। कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाई जी, मेरे उस आंदोलन में आपको क्या ग़लत दिखा। जहां तक मेरी भूमिका का सवाल है, सत्ताधारी दल के सदस्य की मर्यादा और विपक्ष के सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति का क्या दायित्व होता है इसका ज्ञान तो संभवतः आपको होगा ही। अगर नहीं है तो आपको बहुत ट्रेनिंग की जरूरत है ।’’

कुशवाहा ने कहा, ‘‘रही बात मेरे सफल होने की तो आपकी तरह मुझको राजनीति में अनुकंपा में कुछ नहीं मिला है। अगर ज्ञान न हो तो मेरे राजनीतिक सफर के पन्नों को ही पलट कर देखवा लीजिए श्रीमान जी। मेरी जिस सफलता की बात आप कर रहें हैं न, उससे बड़ी-बड़ी कुर्सियों को त्यागकर यहां तक पहुंचे हैं, महोदय।’’

कुशवाहा का राजनीति में अनुकंपा में कुछ मिलने को लेकर किया गया तंज भाजपा नेता के पिता दिवंगत मदन जायसवाल के कई बार पार्टी के सांसद रहने की ओर था ।

राजग के इन दोनों नेताओं के बीच पहले भी जुबानी जंग देखने को मिल चुकी है।

भाषा अनवर रंजन पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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