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बुधवार, 30 अप्रैल, 2025
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सिंहचलम मंदिर में दीवार गिरने से सात लोगों की मौत, मरने वालों में विजाग का एक टेकी कपल भी शामिल

मंगलवार तड़के सिंहचलम अप्पन्ना के नाम से मशहूर भगवान वराह लक्ष्मी नरसिंह मंदिर में भगवान की एक झलक पाने के लिए कतार में खड़े श्रद्धालुओं पर ईंट की दीवार गिर गई.

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हैदराबाद: विशाखापत्तनम के करीब सिंहचलम मंदिर में बुधवार की सुबह दीवार गिरने से कतार में लगे कम से कम सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई और करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए हैं. यह हादसा भगवान वराह लक्ष्मी नरसिंह मंदिर में वार्षिक चंदनोत्सव के लिए जमा हुए श्रद्धालुओं के दौरान हुआ.

इस मंदिर को सिंहचलम अप्पन्ना के नाम से जाना जाता है. मारे गए लोग भगवान की एक झलक पाने के लिए एक कतार में खड़े थे, जिसके लिए प्रति व्यक्ति 300 रुपये की फीस ली गई थी. मंगलवार को विशाखापत्तनम के जिला कलेक्टर हरेंधीरा प्रसाद ने अन्य वरिष्ठ जिला अधिकारियों के साथ मंदिर में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया. तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए ड्राई रन भी चलाया गया. राज्य के गृह, राजस्व और बंदोबस्ती मंत्रियों का एक पैनल भी व्यवस्थाओं की देखरेख में शामिल था.

मृतकों में तीन महिलाएं और चार पुरुष शामिल हैं, जिनमें विशाखापत्तनम का एक युवा टेकी कपल भी शामिल है. मूल रूप से मधुरवाड़ा के रहने वाले पति-पत्नी हैदराबाद स्थित एक आईटी फर्म में वर्क-फ्रॉम-होम कर रहे थे. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को कहा कि अधिकारियों को संदेह है कि पिछली रात हुई भारी बारिश की वजह से इमारत ढह गई. एक्स पर एक पोस्ट में नायडू ने कहा कि उन्होंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की है और स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं.

नायडू ने राज्य के मंत्रियों और अधिकारियों के साथ टेलीकांफ्रेंस की और तीन सदस्यीय समिति से जांच के आदेश दिए. उन्होंने मृतकों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये और घायलों को 3-3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.

वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने “श्रद्धालुओं की दुखद मौतों पर” गहरा सदमा और दुख व्यक्त किया. उन्होंने राज्य सरकार से घायलों के लिए सर्वोत्तम संभव मेडिकल इलाज सुनिश्चित करने का आग्रह किया और संबंधित अधिकारियों से मृतकों के परिवारों को सभी आवश्यक सहायता देने की अपील की.

जगन के घायलों और प्रियजनों को खोने वाले परिवारों से मिलने के लिए दिन में बाद में विशाखापत्तनम जाने की उम्मीद है.

स्थानीय वाईएसआरसीपी पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि जिस दीवार का निर्माण किया गया है, वह चंदनोत्सवम के लिए बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद में 3-4 दिन पहले ही बनाई गई थी और उसमें उचित कंक्रीट की बाइंडिंग और क्यूरिंग की कमी थी. पूर्व बंदोबस्ती मंत्री वेल्लमपल्ली श्रीनिवास ने टिप्पणी की कि टीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की इस पैमाने के आयोजन को प्रबंधित करने में असमर्थता “आठ भक्तों की मौत का कारण बनी, जिससे उसकी घोर लापरवाही और हिंदू भावनाओं के प्रति उपेक्षा उजागर हुई.”

सदियों पुराने सिंहाचलम मंदिर में 16 स्तंभों वाला नाट्यमंडपम (नृत्य, संगीत प्रदर्शन के लिए मंच) और 96 स्तंभों वाला कल्याणमंडपम (देवता के दिव्य विवाह और अन्य अनुष्ठानों के लिए मंच) है, जहां शीर्ष राजनेता, न्यायाधीश और मशहूर हस्तियां अक्सर आते हैं.

सिंहाचलम नाम “सिंह” (एक शेर) और “अचला” (एक पहाड़ी) से लिया गया है.

मंदिर में, भगवान नरसिंह स्वामी, जो उत्तरांध्र क्षेत्र के देवता विष्णु के अवतार हैं, त्रिभंगी मुद्रा में हैं, जिसमें एक मानव धड़ पर शेर का सिर है. मूर्ति को पूरे साल चंदन से ढका जाता है और साल में केवल एक बार ही प्रकट किया जाता है. इस अवसर को चंदनोत्सव के रूप में मनाया जाता है.

इस साल जनवरी में, तिरुमाला पहाड़ियों पर भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन सुरक्षित करने के लिए सैकड़ों लोगों के इकट्ठा होने पर भगदड़ में छह भक्तों की मौत हो गई थी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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