नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायच चुनाव से पहले राज्य में हिंसा का दौर जारी है. दक्षिण 24 परगना जिले से लेकर कोलकाता तक नामांकन के दौरान हिंसा और पथराव की घटना हुई. दक्षिण 24 परगना के कैनिंग इलाके में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो गुट ही आपस में ही भिड़ गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों गुटों को शांत करवाया. इस दौरान पुलिस पर भी पथराव किया गया.
बीते मंगलवार को टीएमसी और इंडियन सेक्युलर फ्रंट के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. इंडियन सेक्युलर फ्रंट के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि टीएमसी कार्यकर्ता उन्हें नामांकन करने नहीं दे रहे हैं.
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि दोनों ओर से बम चलाए गए जबकि कई वाहनों को भी तोड़ा गया. इसके अलावा पुलिस पर भी पथराव किया गया. हिंसा को लेकर दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है.
हिंसा को लेकर इंडियन सेक्युलर फ्रंट के विधायक नौशाद सिद्दीकी ने सत्तारूढ़ दल टीएमसी को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नामांकन दाखिल करने गए तो उनके साथ टीएमसी के गुंडों ने मारपीट की. अभी की स्थिति को देखकर यही लग रहा है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र पंचायत चुनाव संभव नहीं है. हिंसा के कारण लोग डर के मारे घर ने बाहर नहीं निकलेंगे और वोट नहीं देंगे.”
इससे पहले बीते 9 जून को मुर्शिदाबाद में कांग्रेस कार्यकर्ता फूलचंद शेख की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. फूलचंद की हत्या का आरोप भी सत्ताधारी टीएमसी पर लगा है.
पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने हिंसा का एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र की एक झलक जहां टीएमसी के गुंडे नामांकन तक नहीं करने दे रहे हैं. ये दृश्य कैनिंग, जॉयनगर में बीडीओ कार्यालय के अंदर के हैं. पश्चिम बंगाल में हिंसा हो रही है. @ECISVEEP कृपया इसका संज्ञान लें.”
A glimpse of democracy in West Bengal where TMC goons are not even allowing filing of nominations.
These visuals are from the inside BDO office in Canning, Joynagar. Violence is taking places across WB. @ECISVEEP may kindly take cognisance of this.
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) June 14, 2023
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में नामांकन भरने की आखिरी तारीख 15 जून है. चुनाव के लिए वोटिंग आठ जुलाई को होगी और 11 जुलाई को काउंटिंग होगी.
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