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Wednesday, 2 October, 2024
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उत्तरकाशी ‘महापंचायत’ को लेकर SC का सुनवाई से इनकार, हिंदू संगठनों ने 15 जून को बुलाई है बैठक

26 मई को एक लड़की के कथित अपहरण के बाद से ही उत्तरकाशी में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है. 15 जून को हिंदू संगठनों ने महापंचायत बुलाई है लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है.

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में 15 जून को हिंदू संगठन के महापंचायत को लेकर डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने चर्चा करने से इनकार कर दिया है. शीर्ष अदालत में जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने याचिकाकर्ता एडवोकेट शाहरुख आलम से कहा कि वह इसके लिए हाईकोर्ट या अन्य अथॉरिटी से संपर्क करे या फिर कोई और विकल्प का सहारा ले.

कोर्ट ने कहा, “कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है. कानूनी प्रक्रिया को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. आप जिला प्रशासन और हाईकोर्ट के पास जा सकते हैं. आपको हाईकोर्ट पर भरोसा करना चाहिए.”

कोर्ट में एडवोकेट शाहरुख आलम ने कहा कि एक समुदाय विशेष के लोगों को डराया जा रहा है. उत्तरकाशी में लोगों को चिट्ठी दी जा रही और पोस्टर लगाए जा रहे हैं कि वह शहर छोड़ दे.

उन्होंने कहा, “15 जून को महापंचायत प्रस्तावित है. उन्होंने जिला प्रशासन से कहा है कि वे 15 जून तक एक समुदाय विशेष के लोगों को वहां से हटाएं. इस मामले को यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज करने की जरूरत है.”

बता दें कि उत्तरकाशी के पुरोला में 26 मई को एक लड़की के कथित अपहरण की कोशिश की गई जिसके बाद से वहां सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है.

“15 जून को महापंचायत”

लड़की के अपहरण की कोशिश के बाद हिंदू संगठनों ने 15 जून को महापंचायत बुलाई है. लेकिन जिला प्रशासन की ओर से इसको लेकर अनुमति नहीं मिली है. उत्तरकाशी के पुरोला में महापंचायत को देखते हुए धारा-144 लागू की गई है. साथ ही इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है. हालांकि, हिंदू संगठनों ने जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद महापंचायत को लेकर तैयारी जारी रखी है.

हिंदू संगठनों के महापंचायत के ऐलान के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी महापंचायत का ऐलान किया है. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने 18 जून को राजधानी देहरादून में महापंचायत बुलाई है.

इससे पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिंदू संगठनों पर मुस्लिमों के साथ मारपीठ की आरोप लगाया था. मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना था कि इस घटना के बाद इलाके में लोगों का पलायन जारी है और प्रशासन पलायन रोकने के लिए कोई खास कदम नहीं उठा रही है.

झगड़े के बाद राजनीति गर्म

इस घटना के बाद देश में राजनीति गर्म है. एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, “15 जून को होने वाली महापंचायत पर तुरंत रोक लगाई जाए! वहां रह रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान किया जाए. वहां से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने का इंतजाम किया जाए. भाजपा सरकार का काम है कि गुनहगारों को जेल भेजे और जल्द अमन कायम हो.”

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा, “जो इस घटना के दोषी हैं सरकार उसे सजा दे. जो लोग निर्दोष हैं उनकी दुकानों में बजरंग दल और हिंदू वाहिनी के लोग जब तोड़फोड़ कर रहे हैं तो सरकार चुप क्यों है और पुलिस प्रशासन ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया.”

वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.”

इससे पहले मुस्लिम समुदाय के दुकानों के तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसके बाद मुस्लिम नेताओं और जनप्रतिनिधियों ने उसपर आपत्ति जताई थी.


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