इंदौर, 15 मई (भाषा) मध्यप्रदेश के काबीना मंत्री विजय शाह की विवादास्पद बयानबाजी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि शाह की मानसिकता भाजपा की ‘ट्रोल आर्मी’ जैसी है और इस बयानबाजी के कारण प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी सत्तारूढ़ दल उन्हें बचाने की कोशिशों में जुटा है।
उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी मीडिया से साझा करने वाली भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर शाह की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से उत्पन्न विवाद की पृष्ठभूमि में यह बात कही।
सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा,‘‘भाजपा के नेताओं में होड़ लगी है कि हर विषय को हिंदू-मुस्लिम मसले में बदल दिया जाए। इन नेताओं को इससे भी आपत्ति थी कि कर्नल सोफिया कुरैशी को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी मीडिया से साझा करने का काम क्यों दिया गया? मंत्री विजय शाह की वाणी से यह बात फिर सामने आई है।’’
उन्होंने कहा,‘‘यह मानसिकता केवल शाह की नहीं है। यही भाजपा की ट्रोल आर्मी की मानसिकता है। शाह ने जो कुछ कहा है, उससे भाजपा की संघी विचारधारा परिलक्षित होती है।’’
सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के स्वतः संज्ञान लेने के कारण शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी भाजपा ने उन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है जिससे साफ है कि सत्तारूढ़ दल काबीना मंत्री को बचाने में लगा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जवाब देना चाहिए कि क्या वे कर्नल कुरैशी को लेकर शाह के विवादास्पद बयान को सही मानते हैं?
सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की तारीफ की। उन्होंने कहा,‘‘मैं भारत की सेना और खुफिया एजेंसियों को बधाई देता हूं कि उन्होंने सही लक्ष्यों पर निशाना साधते हुए पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया, लेकिन अब तक पता नहीं चल सका है कि इस आतंकी वारदात में शामिल चार दहशतगर्द कहां हैं?’
राज्यसभा सांसद ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संघर्ष विराम’ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर सवाल भी उठाए।
सिंह ने कहा,‘‘गुजरे बरसों में भारत का जब भी पाकिस्तान से युद्ध हुआ है, हमने बाहरी ताकतों को बीच में पड़कर पंचायत करने की मंजूरी नहीं दी है।’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद अल्पसंख्यकों समेत समाज के हर तबके और विपक्ष ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को पूरा समर्थन दिया, लेकिन इसके बावजूद भारत-पाकिस्तान के बीच अचानक ‘संघर्ष विराम’ हो जाना सबकी कल्पना से परे रहा।
सिंह ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव के विषय में प्रधानमंत्री मोदी को विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक बुलानी चाहिए।
भाषा हर्ष मनीषा नरेश
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