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Saturday, 20 September, 2025
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दिग्गज अभिनेता मोहनलाल को वर्ष 2023 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

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तिरुवनंतपुरम, 20 सितंबर (भाषा) मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मोहनलाल अपनी कलात्मकता और लोकप्रियता के लिए लंबे समय से पहचाने जाते हैं। अपनी बहुमुखी प्रतिभा और प्रभावशाली अभिनय के दम पर उन्होंने भारतीय सिनेमा के दिग्गज कलाकारों की सूची में अपना नाम दर्ज कराया है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि मोहनलाल को वर्ष 2023 के दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

यह भारतीय सिनेमा के क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान है।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि अभिनेता, निर्देशक और निर्माता मोहनलाल को भारतीय सिनेमा में उनके ‘अनूठे’ योगदान के लिए दादासाहेब फाल्के पुरस्कार चयन समिति की सिफारिश पर इस सम्मान से नवाजा जा रहा है।

यह पुरस्कार उन्हें 23 सितंबर को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।

पथनमथिट्टा जिले के एक परिवार में 21 मई 1960 को जन्मे मोहनलाल का अभिनय से नाता तिरुवनंतपुरम के स्कूली दिनों से जुड़ा रहा है। छठी कक्षा में उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला था।

अभिनय के प्रति उनका जुनून कॉलेज के दिनों में और बढ़ गया, जब 1970 के दशक की शुरुआत में उनकी मुलाकात कुछ ऐसे दोस्तों से हुई जो रंगमंच और सिनेमा के प्रति उनके जैसे ही उत्साही थे।

इन दोस्तों की ‘भारत सिने ग्रुप’ नामक एक प्रोडक्शन कंपनी थी। उन्होंने मोहनलाल की क्षमता को पहचाना और उन्हें अपनी प्रोडक्शन कंपनी के माध्यम से फिल्मों की दुनिया में कदम रखने का अवसर दिया।

मोहनलाल की पहली फिल्म ‘थिरनोत्तम’ थी, जिसमें उन्होंने हास्य भूमिका निभाई। यह फिल्म भले ही केवल एक ही सिनेमाघर में प्रदर्शित हुई थी, लेकिन मलयालम सिनेमा के इतिहास में दर्ज हो गई।

‘मंजिल विरिंजा पूक्कल’ जैसी सुपरहिट फिल्म से 1980 के दशक में उनका मुख्यधारा का करियर शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने खलनायक की भूमिका निभाई थी। इस किरदार ने दर्शकों और समीक्षकों का ध्यान खींचा।

अभिनेता का सुपरस्टार बनने का सफर धीरे-धीरे आगे बढ़ा। प्रतिभाशाली निर्देशकों और पटकथा लेखकों के साथ मिलकर उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, जिससे उन्हें दर्शकों और फिल्म समीक्षकों, दोनों के दिलों में एक अनोखी जगह बनाने में मदद मिली।

फिल्म ‘हिज हाईनेस अब्दुल्लाह’, ‘भारतम’, ‘मिधुनम’, ‘मिन्नारम’, ‘मणिचित्रताझु’, ‘देवासुरम’, ‘नरसिंहम’ और ‘आराम थम्पुरन’ जैसी फिल्मों ने उन्हें मलयालम सिनेमा का सुपरस्टार बना दिया।

फिल्म ‘गुरु’ (1997) और ‘वनप्रस्थम’ (1999) जैसी फिल्मों ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।

वहीं ‘दृश्यम’ (और इसके सीक्वल), ‘पुलिमुरुगन’, ‘लूसिफर’ और ‘एल2 : एंपुरान’ जैसी फिल्मों ने व्यावसायिक सफलता और कमाई के लिहाज से नये रिकॉर्ड कायम किए।

मोहनलाल ने तमिल और तेलुगु फिल्मों में भी अभिनय किया है। उन्हें कई बार राष्ट्रीय और राज्य फिल्म पुरस्कार मिल चुके हैं।

वर्ष 2001 में उन्हें पद्मश्री और 2019 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। वर्ष 2009 में उन्हें प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि भी दी गई थी, जो फिल्म उद्योग में उनके कद को दर्शाता है।

भाषा राखी संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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