नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नई कुलपति शांतिश्री धूलिपुडी पंडित वर्तमान में अकादमिक और राजनीतिक दोनों ही वर्गों द्वारा समान रूप से आलोचना का शिकार हो रही हैं. अपने कथित पिछले कुछ ट्वीट्स पर विवाद के बाद, अब उन्हें अपनी अंग्रेजी भाषा की जानकारी और स्किल्स को लेकर नए विवाद का सामना करना पड़ रहा है.
शांतिश्री ने वी-सी नामित किए जाने के बाद सोमवार को एक प्रेस बयान में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और संस्थान के प्रमुख के रूप में उनके सामने एजेंडा रखा. लेकिन उनके इस बयान में ‘स्टूडेंट्स फ्रेंडली’ और मिसिंग आर्टिकल्स की तरफ आलोचकों का ध्यान आकर्षित किया और व्याकरण की अशुद्धियों को भी रेखांकित किया.
मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने जेएनयू की कुलपति (वीसी) के रूप में शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की नियुक्ति की मंगलवार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह की ‘औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाती हैं.’
वरुण ने पदभार संभालने के बाद पंडित द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को ट्विटर पर साझा किया और कहा कि यह ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है.
भाजपा सांसद ने कहा, ‘जेएनयू की नई वीसी की यह प्रेस विज्ञप्ति ‘निरक्षरता’ का प्रदर्शन है, जिसमें व्याकरण संबंधी अशुद्धियों की भरमार है. इस तरह की औसत दर्जे की नियुक्तियां हमारी मानव पूंजी और हमारे युवाओं के भविष्य को नुकसान पहुंचाने का काम करती हैं.’
वरुण ने चुन चुन कर निकाली गलतियां
वरुण गांधी ने वीसी के स्टेटमेंट से तीन गलतियों की खोज की और उन्हें बताया कि इसे किस तरह से लिखा जाना चाहिए. उन्होंने जिन शब्दों की ओर इशारा किया उनमें पहला है would strive. वरुण गांधी ने इसे will strive लिखने की सलाह दी है. इसी तरह students friendly की जगह student-friendly और आखिरी में एक शब्द जो इस स्टेटमेंट में लिखा है वह है excellences जिसे excellence लिखने को कहा है.
This press release from the new JNU VC is an exhibition of illiteracy,littered with grammatical mistakes (would strive vs will strive;students friendly vs student-friendly;excellences vs excellence).Such mediocre appointments serve to damage our human capital & our youth’s future pic.twitter.com/tSanmy3VfR
— Varun Gandhi (@varungandhi80) February 8, 2022
केंद्र सरकार ने 59 वर्षीय पंडित को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नई कुलपति नियुक्त किया है, जिससे वह इस विश्वविद्यालय में इस पद पर आसीन होने वाली पहली महिला बन गई हैं।
पंडित जेएनयू की छात्रा रह चुकी हैं.उन्होंने यहां से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एमफिल के साथ-साथ पीएचडी की है.
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