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Saturday, 9 August, 2025
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उत्तरकाशी बादल फटने की घटना: धाराली और सुखी टॉप में तबाही, राहत व बचाव कार्य जारी

धराली में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की पांच टीमें, यानी 130 जवान तैनात हैं और 100 से अधिक जवान मौके पर पहुंचने की राह में हैं. अब तक एक शव बरामद किया गया है और 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

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देहरादून: उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से भारी तबाही मची है. धराली और सुखी टॉप क्षेत्रों में आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. सैकड़ों लोग फंसे हुए हैं और कई लापता बताए जा रहे हैं. राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तरकाशी के धाराली में बादल फटने और भूस्खलन के बाद स्थिति का जायज़ा लिया. उन्होंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की और नुकसान का निरीक्षण किया. इससे पहले सीएम धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (ईओसी) में आपदा प्रबंधन की बैठक की अध्यक्षता की.

उन्होंने जोशीयाड़ा हेलीपैड से हवाई सर्वेक्षण भी किया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. राज्य और केंद्र सरकार मिलकर राहत कार्यों को पूरी ताकत से अंजाम दे रही हैं.

धराली में इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) की पांच टीमें, यानी 130 जवान तैनात हैं और 100 से अधिक जवान मौके पर पहुंचने की राह में हैं. अब तक एक शव बरामद किया गया है और 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है.

आईटीबीपी के प्रवक्ता कमलेश कमल ने जानकारी दी, “धराली में हमारी पांच टीमें हैं, और 100 से अधिक जवान और पहुंचने वाले हैं. एक शव मिला है और 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया है. हमने संचार की व्यवस्था भी की है जिससे राहत कार्य तेज़ी से आगे बढ़ेगा.”

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भी भारी बारिश और बाढ़ ने कहर बरपाया है. टांगलिंग क्षेत्र में ट्रेकिंग मार्ग का बड़ा हिस्सा बह गया, जिससे दर्जनों श्रद्धालु फंस गए. एक अस्थायी पुल के बह जाने से स्थिति और बिगड़ गई.

आईटीबीपी प्रवक्ता ने बताया, “हमें कल जानकारी मिली थी कि किन्नौर मार्ग पर लकड़ी का एक पुल बह गया है. शुरुआती जानकारी में 100 लोग फंसे होने की बात सामने आई थी. अब तक 413 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. आज सुबह से अब तक 57 लोगों को रेस्क्यू किया गया है. 100 लोग अब भी फंसे हैं जिन्हें आज शाम तक सुरक्षित निकाला जाएगा. एक व्यक्ति की मृत्यु की सूचना भी मिली है.”

इसके बाद किन्नौर जिला प्रशासन ने किन्नौर कैलाश यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शाहेदी ने स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अब तक की जानकारी के अनुसार, चार लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक लोग लापता हैं. हर्षिल और सुखी टॉप में भी फ्लैश फ्लड की खबर है. हर्षिल में सेना के करीब 11 जवान लापता हैं. हालांकि, सुखी टॉप से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.”

उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-उत्तरकाशी हाईवे प्रभावित है जिससे राहत टीमें धीरे-धीरे पहुंच रही हैं. कई जगह सड़कें बंद हैं जिससे एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचने में कठिनाई झेल रही हैं. “हमारी टीमें देहरादून में तैयार हैं ताकि ज़रूरत पड़ने पर हवाई मार्ग से लोगों को रेस्क्यू किया जा सके.”

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