scorecardresearch
Thursday, 19 September, 2024
होमदेशउत्तराखंड: राज्य आंदोलनकारियों के लिए क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ अदालत में याचिका दायर

उत्तराखंड: राज्य आंदोलनकारियों के लिए क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ अदालत में याचिका दायर

Text Size:

नैनीताल, 19 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य आंदोलनकारियों को दिए गए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के खिलाफ दायर एक जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को इस संबंध में छह सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए।

अदालत ने सरकार से वे आंकड़ें भी प्रस्तुत करने को भी कहा, जिनके आधार पर आरक्षण देने का फैसला किया गया है।

न्यायालय ने याचिकाकर्ता से ताजा आदेश की एक प्रति राज्य लोक सेवा आयोग को भी भेजने को कहा, जिससे इस मामले में अग्रिम कार्रवाई रोकी जा सके।

मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने हालांकि सुनवाई के दौरान फिलहाल इस अधिनियम पर रोक लगाने से मना कर दिया।

यह जनहित याचिका उच्च न्यायालय में देहरादून निवासी भुवन सिंह तथा अन्य द्वारा दायर की गयी है, जिसमें नए अधिनियम को असंवैधानिक बताते हुए उसे खारिज करने का अनुरोध किया गया है।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि पहले इस मामले में एक महत्वपूर्ण आदेश देते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि राज्य सरकार राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण नहीं दे सकती क्योंकि राज्य के सभी नागरिक आंदोलनकारी हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय में इस आदेश को चुनौती नहीं दी थी और अब 18 अगस्त 2024 को राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण देने के लिए कानून पारित कर दिया।

याचिकाकर्ता ने कहा कि यह कानून उच्च न्यायालय के पूर्व में दिए आदेश के खिलाफ है।

महाधिवक्ता ने इसका विरोध करते हुए कहा कि राज्य को इस संबंध में कानून बनाने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए नयी आरक्षण नीति बनाने के निर्देश दिए हैं और इसी के मददेनजर राज्य सरकार ने आरक्षण के संबंध में कानून बनाया है ।

भाषा सं दीप्ति जितेंद्र

जितेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments