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देहरादून, नौ मार्च (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी शनिवार को अपने पिता की पार्टी में शामिल हो गए।
मनीष खंडूरी ने एक दिन पहले ही कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। मनीष खंडूरी ने भाजपा के देहरादून महानगर कार्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और पार्टी के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम की उपस्थिति में सत्तारूढ़ दल की सदस्यता ग्रहण की।
भट्ट ने मनीष का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि उनके पिता मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) भुवन चंद्र खंडूरी की एक केंद्रीय मंत्री और दो बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उत्तराखंड के विकास में भूमिका को कभी नहीं भुलाया जा सकता।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भट्ट ने कहा, ‘‘हम उनका स्वागत करते हैं क्योंकि वह अब अपने परिवार में आ गये हैं।’’ मनीष खंडूरी भाजपा में ऐसे समय शामिल हुए हैं जब अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं।
मनीष खंडूरी की बड़ी बहन रितु खंडूरी उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष हैं। वह कोटद्वार से भाजपा विधायक हैं।
भाजपा में शामिल होने के बाद मनीष खंडूरी ने कहा, ‘‘भाजपा एकमात्र दल है जो एक मंच प्रदान करती है जिससे कोई भी राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकता है। (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी एकमात्र नेता हैं जो देश को विकास के पथ पर ले जाने में सक्षम हैं।’’
मनीष खंडूरी ने संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए टिकट के लिए पार्टी में नहीं आये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक साधारण कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी की सेवा करने आया हूं।’’
उन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दिया था।
मनीष खंडूरी 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें 2019 के आम चुनाव में गढ़वाल (पौड़ी) लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था लेकिन उन्हें भाजपा के तीरथ सिंह रावत से तीन लाख से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा था।
उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा, ‘‘पार्टी ने उन्हें पूरा सम्मान दिया। उन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट भी दिया गया था। कई चीजें होती हैं, कई बार परिवार का भी दबाव होता है। उनके पिता भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी बहन भी उसी पार्टी में हैं। उनकी बहन मौजूदा विधानसभा की अध्यक्ष हैं।’’
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष ने इसके पहले कहा था, ‘‘उनके इस्तीफे के वास्तविक कारण का पता उनसे बात करने के बाद ही चल पाएगा।’’
भाषा धीरज अमित
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