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Sunday, 6 October, 2024
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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव : वोटों की गिनती और परिणाम की घोषणा बृहस्पतिवार को

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देहरादून, नौ मार्च (भाषा) उत्तराखंड विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना शुरू होने में 24 घंटे से भी कम समय शेष है और राजनीतिक दलों ने ईवीएम में बंद चुनावी नतीजों के सामने आने के बाद बनने वाली संभावित स्थिति के मद्देनजर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को हुए मतदान के लिए वोटों की गिनती बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे शुरू होगी। राज्य में 65 फीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था।

कुछ एक्जिट पोल में भाजपा या कांग्रेस को उत्तराखंड में बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है लेकिन ज्यादातर में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है। ऐसे परिदृश्य में सरकार बनाने में निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल जैसे क्षेत्रीय दलों से विजयी प्रत्याशियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।

प्रदेश की कम से कम 40-45 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है जबकि 25-30 अन्य सीटों पर क्षेत्रीय दल मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।

यद्यपि दोनों पार्टियां स्पष्ट बहुमत मिलने को लेकर आश्वस्त होने की बात कह रही हैं लेकिन उनके नेता पिछले कई दिनों से बंद कमरों में बैठकें कर रणनीति पर मंथन कर रहे हैं कि चुनावी नतीजे अपेक्षानुरूप नहीं होने की स्थिति में क्या कदम उठाए जाएं।

दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों की निगाहें अपने बागियों पर हैं जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा। इस बार भाजपा के करीब 13 बागी और कांग्रेस के छह बागी चुनाव मैदान में थे।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और रणनीतिकार कैलाश विजयवर्गीय के रविवार को यहां पहुंचने के बाद अलर्ट मोड में आयी कांग्रेस के भी कई नेता यह सुनिश्चित करने के लिए यहां पहुंच गए हैं कि नतीजे घोषित होने के बाद उसका कुनबा बिखरे नहीं।

विजयवर्गीय ने यहां पहुंचने के तत्काल बाद पार्टी के एक अन्य रणनीतिकार और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक और प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रभारी प्रहलाद जोशी सहित अन्य नेताओं के साथ भी प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने में मदद के लिए एक पुख्ता रणनीति बनाने के लिए कई बैठकें कर चुके हैं।

2016 में हरीश रावत नीत सरकार के खिलाफ विधायकों की बगावत के समय भी विजयवर्गीय राज्य की राजनीति में काफी सक्रिय थे।

कांग्रेस खेमा भी मतगणना और उसके बाद की स्थिति को लेकर सतर्क है और केंद्रीय पार्टी पर्यवेक्षक दीपेंद्र हुडडा, उत्तराखंड में पार्टी मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव, प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि प्रमुख नेताओं ने सरकार बनाने के लिए अपनाई जाने वाली रणनीति को लेकर मंगलवार को मंथन किया।

इसके अलावा पार्टी चुनाव पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश और एमबी पाटिल के बीच भी बुधवार को इसे लेकर एक बैठक हुई।

पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 57 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जनादेश हासिल किया था जबकि कांग्रेस महज 11 सीटों पर सिमट गयी थी। अपने इस प्रदर्शन को दोहराते हुए दोबारा सत्ता में आना भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती है जबकि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के दम पर प्रदेश में सत्ता में अपनी वापसी का प्रयास कर रही है।

भाषा दीप्ति अर्पणा

अर्पणा

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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