लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जेल प्रशासन विभाग ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमती त्रिपाठी को जेल से रिहा करने का आदेश दे दिया है, जो कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्या मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
इस बीच, राज्यपाल की अनुमति से जेल प्रशासन और रिफॉर्म्स विभाग ने अपना आदेश जारी किया है. फिलहाल अभी दोनों गोरखपुर की जेल में बंद हैं और बांड पेश करने पर उन्हें जेल से रिहा कर दिया जाएगा.
लखनऊ की पेपर मील कॉलोनी में कवियित्री मधुमिता की 9 मई 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी.
देहरादून के विशेष सत्र न्यायधीश ने मधुमिता हत्या मामले में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल की सजा सुनाई थी
ये था मामला
एक लोकल न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक करीब 20 साल पहले राजधानी की पेपर मिल कॉलोनी में रहने वाली कवियत्री मधुमिता शुक्ला की हत्या मामले की जांच सीबीआई ने की थी. जांच में अमरमणि और मधुमणि को दोषी करार दिया था और अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. बाद में मुकदमा देहरादून ट्रांसफर कर दिया गया था. दोनों पति पत्नी जेल में बीते 20 साल एक माह और 19 दिन रहे. उनकी उम्र, जेल में बिताई गई सजा की अवधि और अच्छे आचरण को देखते हुए बाकी बची हुई सजा माफ कर दी गई है.
दोनों अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया है. कोर्ट ने जेल में अच्छा आचरण करने वाले कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था, जिसके बाद दोनों ने दया याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने दोनों को रिहा करने का आदेश दिया है, लेकिन इसमें देरी होने लगी इस पर अमरमणि ने अवमानना का मामला दाखिल किया, जिसके बाद दोनों को रिहा करने का आदेश शासन ने जारी कर दिया है.
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