लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ रुपये का बजट पेश किया जिसे यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है. इस बजट में योगी सरकार मदरसों पर 479 करोड़ खर्च करेगी तो वहीं मुस्लिम बाहुल्य माने जाने वाले आज़मगढ़, सहारनपुर व अलीगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाएगी. इसके अलावा अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़ व पर्यटन के लिहाज से सुविधाओं के लिए 85 करोड़ की व्यवस्था की गई.
धार्मिक स्थलों पर फोकस, अयोध्या को 600 करोड़
इस बजट में धार्मिक स्थलों के विकास पर विशेष फोकस किया गया है. अयोध्या पर योगी सरकार लगभग 600 करोड़ रुपए खर्च करेगी जिसमें 500 करोड़ एयरपोर्ट, 85 करोड़ पर्यटन से जुड़ी सुविधाएं व तुलसी स्मारक भवन के लिए 10 करोड़ की व्यवस्था की गई है. बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है. इसके अलावा बनारस में ही संस्कृति केंद्र की स्थापना के लिए 180 करोड़ दिये गये हैं. वहीं, पर्यटन में प्रोत्साहन के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था है. गोरखपुर के रामगढ़ ताल में वॉटर स्पोर्ट्स के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था है.
अल्पसंख्यकों पर भी ध्यान
इस बजट में अल्पसंखयकों पर भी फोकस कर योगी सरकार ने विरोधियों को चुप करने की कोशिश की है. सरकार ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पानी, स्वास्थ्य व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 783 करोड़ का बजट घोषित किया है. वहीं इसके अलावा मदरसों व मकतब पर 479 करोड़ खर्च करेगी और मुस्लिम बहुल्य माने जाने वाले आज़मगढ़, सहारनपुर व अलीगढ़ में यूनिवर्सिटी बनाएगी.
इटावा मेडिकल काॅलेज के लिए भी बजट
समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इटावा के मेडिकल काॅलेज के लिए भी योगी सरकार ने बजट एलाॅट किया. सरकार के इस बजट में लखनऊ के कैंसर संस्थान के लिए 187 करोड़ रुपये, राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए 477 करोड़ रुपये, इटावा स्थित मेडिकल कॉलेज के लिए 309 करोड़ रुपये, सैफई पीजीआई को 309 करोड़ रुपये, लखनऊ के एसजीपीजीआई के लिए 820 करोड़ रुपये, केजीएमयू लखनऊ के लिए 919 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
सरकार बनाएगी देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे
सपा सरकार में बने आगरा एक्सप्रेस वे के जवाब में योगी सरकार ‘गंगा एक्सप्रेस वे’ बनाएगी जो कि 637 किमी. लंबा होगा. सरकार का दावा है कि ये देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा. इसके निर्माण के लिए 2 हजार करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रस्तावित किया है. गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, हरदोई, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक आएगा.
बढ़ती बेरोजगारी के बीच ‘रोजगार’ देने की कोशिश
हाल ही में योगी सरकार ने यूपी में बढ़ती बेरोजगारी की बात को स्वीकारा था और रजिस्टर्ड आंकड़े जारी किए थे.
अब इस बजट में युवाओं को रोजगार देने के लिए ‘मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना’ और ‘युवा उद्यमिता विकास अभियान’ शुरू करने का ऐलान किया गया है. इस योजना के तहत युवाओं को उद्योगों में प्रशिक्षण के साथ-साथ 2500 रुपये मासिक प्रशिक्षण भत्ता भी दिया जाएगा. इस योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
बजट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बजट में हर किसी का ख्याल रखा गया. खासतौर पर हमने युवाओं को लेकर यह बजट बनाया है, और उन्हें समर्पित किया है. यूपी को शिक्षा का हब बनाने की कोशिश की गई.
विपक्ष ने बजट को बताया जुमला
पूर्व सीएम व समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने इस बजट को सबसे बड़ा जुमला बताया है. अखिलेश के मुताबिक, यूपी का पर्सेप्शन इस सरकार में बेहद खराब हुआ है. अब यूपी की पहचान किसानों की आत्महत्या, पुलिस बर्बरता, बढ़ती बेरोजगारी से होती है. सीएम ‘गोली और बोली’ जैसे बयान देते हैं. बजट में किसान व नौजवानों के लिए कुछ नहीं है. रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
वहीं कांग्रेस के यूपी चीफ अजय लल्लू ने बजट को आंकड़ों की बाजीगरी बताते हुए युवाओं और किसानों के लिए घोर निराशाजनक और धोखा करार दिया है.
युवा बेरोजगारों जिनकी तादात पिछले दो वर्षों में बढ़ी है उन्हें नये रोजगार देने के बजाए आज के बजट में रिटायर्ड शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में नौकरी देने की घोषणा बेरोजगार युवाओं के साथ विश्वासघात है. किसान, युवा व महिलाओं के जले पर नमक छिड़कने जैसा ये बजट है.