लखनऊ, 18 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘नॉन-प्रैक्टिसिंग अलाउंस’ (एनपीए) लेने के बावजूद निजी तौर पर प्रैक्टिस करते पाए गए 17 सरकारी चिकित्सकों के खिलाफ मंगलवार को कार्रवाई शुरू कर दी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इस मामले पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव को आरोपी चिकित्सकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, राज्य में सरकारी चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस करने से प्रतिबंधित किया गया है, जिसकी एवज में सरकार से एनपीए मिलता है।
हालांकि, कुछ चिकित्सकों द्वारा इस नियम का उल्लंघन करने की खबर के बाद उपमुख्यमंत्री ने सख्त रुख अपनाया।
पाठक ने कहा, “सरकार से ‘नॉन प्रैक्टिस एलाउन्स’ लेने के बावजूद निजी प्रैक्टिस करने वाले बलरामपुर जिले के 10 चिकित्साधिकारियों, हाथरस जिले के छह चिकित्साधिकारियों और कुशीनगर जिले के एक चिकित्साधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई किये जाने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (पार्थ सारथी सेन शर्मा) के प्रमुख सचिव को निर्देशित किया गया है।”
अधिकारियों ने बताया कि सेवा नियमों का उल्लंघन करने वाले चिकित्सकों के खिलाफ अब निलंबन या आर्थिक दंड सहित सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
भाषा सलीम जितेंद्र
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