नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्रेयियस ने बुधवार को कहा कि पारंपरिक चिकित्सा की पूरी क्षमता को सामने लाने और अधिक सुरक्षित व टिकाऊ स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और जीनोमिक्स का उपयोग करना जरूरी है।
यहां डब्ल्यूएचओ के पारंपरिक चिकित्सा पर दूसरे वैश्विक सम्मेलन में एक वीडियो संदेश में, टेड्रोस ने कहा कि आधुनिक विज्ञान को पारंपरिक ज्ञान के साथ मिलाने से पारंपरिक चिकित्सा के अनुप्रयोग में बदलाव आ सकता है और सभी के लिए स्वास्थ्य के लक्ष्य को आगे बढ़ाया जा सकता है।
भारत सरकार के साथ संयुक्त रूप से आयोजित यह शिखर सम्मेलन बुधवार को शुरू हुआ और इसमें 100 से अधिक देशों के मंत्री, वैज्ञानिक और विशेषज्ञ के साथ अन्य शामिल हो रहे हैं।
इस कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ की वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा रणनीति 2025-2034 को आगे बढ़ाने के लिए नई वैज्ञानिक पहल और प्रतिबद्धताओं की घोषणा किए जाने की उम्मीद है, जो मजबूत साक्ष्य, बेहतर विनियमन, प्रणाली एकीकरण, सहयोग और सामुदायिक जुड़ाव पर केंद्रित है।
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि पारंपरिक चिकित्सा में संहिताबद्ध और गैर-संहिताबद्ध प्रणालियां शामिल हैं जो जैव चिकित्सा से पहले की हैं और समकालीन उपयोग के लिए विकसित होती रहती हैं।
वैश्विक स्वास्थ्य संस्था के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के लगभग 90 प्रतिशत सदस्य देशों का कहना है कि उनकी 40 से 90 प्रतिशत आबादी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का उपयोग करती है, जो कई समुदायों के लिए सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा का एक प्राथमिक स्रोत बना हुआ है।
टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ हजारों वर्षों की ज्ञान-परंपरा को आधुनिक विज्ञान और तकनीक की शक्ति के साथ जोड़कर ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि यदि जिम्मेदारी, नैतिकता और समानता के साथ काम किया जाए और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर जीनोमिक्स तक की नयी तकनीकों का सही उपयोग किया जाए, तो पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को हर समुदाय और पूरी दुनिया के लिए अधिक सुरक्षित, बेहतर और टिकाऊ स्वास्थ्य समाधान बनाया जा सकता है।
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सिल्वी ब्रिएंड ने कहा कि प्रभावी एकीकरण के लिए मजबूत वैज्ञानिक मूल्यांकन, गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए वैश्विक मानक और मजबूत नियामक तंत्र की आवश्यकता होती है।
भाषा नोमान देवेंद्र
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