नई दिल्ली: अमेरिका से निर्वासित कम से कम 104 ‘अवैध’ भारतीय अप्रवासी बुधवार दोपहर करीब 2 बजे अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे. निर्वासित लोग 40 से अधिक अधिकारियों के साथ अमेरिकी सैन्य विमान से पहुंचे.
निर्वासित भारतीय नागरिकों में पंजाब से कम से कम 30, हरियाणा और गुजरात से 33-33, महाराष्ट्र से तीन और चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश से दो-दो शामिल थे.
पंजाब पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “उन्हें हिरासत में नहीं लिया जाएगा. उन्हें सम्मानपूर्वक उनके घर वापस भेजा जाएगा.” जिला प्रशासन के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें उनके घर वापस जाने की अनुमति देने से पहले उनके आव्रजन स्थिति और आपराधिक रिकॉर्ड के वेरिफिकेशन सहित सभी आवश्यक जांच की गई.
उन्होंने आगे कहा, “हमने उनके खाने और उनके घर वापस जाने के लिए सुरक्षित परिवहन की व्यवस्था की. हमारे पास डॉक्टरों और बाल रोग विशेषज्ञों की एक टीम भी स्टैंडबाय पर है. हम उनके परिजनों से संपर्क करने की भी सुविधा दे रहे हैं.” विमान पुलिस की कड़ी सुरक्षा में उतरा और भोजन तथा अन्य सामान लेकर अमृतसर हवाई अड्डे के टर्मिनल सेक्शन की ओर जाने वाले ट्रकों की भीड़ के बीच उतरा.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आगमन को सुविधाजनक बनाने के लिए काउंटर स्थापित किए गए थे, साथ ही उन्होंने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पुलिस को निर्वासित लोगों के साथ “दोस्ताना” व्यवहार करने का निर्देश दिया था.
यह प्रत्यावर्तन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासियों के देश वापसी के प्रयास के तहत हुआ है, जिसमें ‘अवैध’ अप्रवासियों को उनके गृह देशों में वापस भेजने के लिए सैन्य संसाधनों का उपयोग करना शामिल है. ये अप्रवासी मुख्य रूप से वे हैं जो या तो अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश कर गए या अपने वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी अमेरिका में रुके रहे.
पंजाब के एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि आजीविका कमाने के प्रयास में लाखों खर्च करने के बाद इन व्यक्तियों को वापस लौटते देखना दुर्भाग्यपूर्ण है. धालीवाल ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह भी अच्छा है कि वे घर वापस आ गए हैं और हिरासत में नहीं लिए गए हैं.”
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