पटना, 15 मार्च (भाषा) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के कथित अपमान के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के चलते मंगलवार को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
पिछले दिन सिन्हा और कुमार के बीच तनातनी के बाद दोनों ने सदन में उपस्थित नहीं होने का फैसला किया। विधानसभा अध्यक्ष अपने कक्ष के अंदर बैठे रहे और उन विधायकों से मिले, जो कौतुहलवश सदन से बाहर आ गए थे। वहीं, मुख्यमंत्री राज्य की राजधानी के बाहरी इलाके में एक सूफी दरगाह मनेर शरीफ में थे।
प्रमुख विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक, सिन्हा और कुमार के बीच तनातनी के विरोध में काला पट्टे पहनकर विधानसभा पहुंचे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार को अध्यक्ष की कुर्सी पर देखकर वे और भड़क गए। विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मांग की कि अध्यक्ष तथा मुख्यमंत्री सदन में आएं और विवाद का कारण बताएं। सबसे पहले दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
विपक्षी सदस्य ‘‘नीतीश कुमार मुर्दाबाद’’ और ‘‘नीतीश कुमार होश में आओ’’ जैसे नारे लगाते हुए आसन के करीब आ गए, जिससे कार्यवाही शाम 4.50 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
इससे पहले, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी बयान देने के लिए उठे और उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री कुर्सी के महत्व को समझते हैं। सदन के संचालन के तरीके के संबंध में उनके कुछ मुद्दे थे। उन्होंने हाथ जोड़कर अत्यंत विनम्रता के साथ अपनी आपत्ति व्यक्त की।’’
चौधरी ने विपक्षी विधायकों द्वारा सिन्हा की अनुपस्थिति के संबंध में अध्यक्ष से ‘‘सफाई देने’’ की मांग करने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘‘सदस्य अध्यक्ष से सवाल करेंगे और उन्हें जवाब देना होगा? यह लोकतांत्रिक और विधायी मानदंडों को लेकर उनकी गलत समझ को दर्शाता है।’’
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा में सोमवार को उस समय विकट स्थिति पैदा हो गई, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के बीच इस बात को लेकर तीखी नोकझोंक हुई कि क्या सरकार द्वारा जांच किए जा रहे मामले जिसे विशेषाधिकार समिति को भी भेजा गया हो, को सदन के पटल पर ‘‘बार-बार’’ उठाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने अपना आक्रोश तब व्यक्त किया जब विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री बिजेंद्र यादव से सदन को कुछ दिनों के बाद यह बताने को कहा कि लखीसराय में एक घटना के संबंध में क्या कार्रवाई की गई। लखीसराय सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र भी है।
जांच को लेकर विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच नोकझोंक को कुछ लोगों द्वारा जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा के बीच तनावपूर्ण संबंधों के प्रतिबिंब के रूप में भी देखा जा रहा है। जद(यू) का नेतृत्व कुमार करते हैं और विधानसभा अध्यक्ष सिन्हा सहयोगी भाजपा से आते हैं।
भाषा आशीष उमा
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