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Saturday, 21 December, 2024
होमदेशअपराधउन्नाव में 2 लड़कियों की मौत के 24 घंटे बाद भी खाली हाथ है यूपी पुलिस, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

उन्नाव में 2 लड़कियों की मौत के 24 घंटे बाद भी खाली हाथ है यूपी पुलिस, विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

यूपी के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि उन्नाव जिले के असोहा क्षेत्र में बुधवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई दो दलित लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.

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उन्‍नाव/ लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उन्नाव जिले के असोहा क्षेत्र में बुधवार शाम संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई दो दलित लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है.

पुलिस महानिदेशक ने यहां बताया कि उन्नाव में एक खेत में संदिग्ध हालात में मृत पाई गई दो लड़कियों के शव का डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया और इस दौरान उनके शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया है.

उन्होंने कहा ‘दोनों की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है लिहाजा उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है. हम फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ले रहे हैं और मामले की हर कोण से जांच कर रहे हैं.’

अवस्थी ने बताया कि दोनों मृत लड़कियों के साथ नाजुक हालत में मिली तीसरी लड़की के मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उसकी हालत चिंताजनक मगर स्थिर बनी हुई है. उन्होंने बताया कि इस बात का संदेह है कि तीनों की यह हालत है जहर की वजह से हुई.

गौरतलब है कि जिले के असोहा क्षेत्र के बबुरहा गांव में एक ही परिवार की गीता (15), करीना (14) और कैलाशी (16) नामक (परिवर्तित नाम) लड़कियां बुधवार अपराह्न करीब तीन बजे जानवरों के लिए चारा लेने घर से निकली थीं. देर शाम तक वापस ना आने पर परिजनों ने उनकी तलाश की तो वे तीनों गांव के खेत में पाई गईं.

सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों लड़कियों को पास के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने कोमल और काजल को मृत घोषित कर दिया. रोशनी को गंभीर हालत में उन्नाव जिला अस्पताल लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कानपुर रेफर कर दिया गया.


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भारी सुरक्षा और वीडियो ग्राफी के बीच संपन्न हुआ पोस्टमार्टम

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के असोहा थाना इलाके के बबुराहा गांव के बाहर बंधे पड़े मिले तीन किशोरियों में से मृत दोनों किशोरियों का पोस्टमार्टम भारी सुरक्षा में डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल द्वारा किया गया.

पुलिस ने बृहस्‍पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि वीडियोग्राफी के बीच सम्पन्न हुये पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.

जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया घायल किशोरी के इलाज को लेकर रीजेंसी हॉस्पिटल कानपुर को पत्र भेजा गया है और कहा गया है घायल किशोरी का इलाज मुख्यमंत्री राहत कोष से कराया जाएगा.

उन्‍नाव में तीन दलित किशोरियों के खेत में मिलने और उनमें दो की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्षी समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी ने इस मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है जबकि मुख्‍यमंत्री ने पूरे मामले की पुलिस मह‍ानिदेशक से रिपोर्ट तलब की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव की घटना का संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को प्रकरण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं.

सरकारी प्रवक्‍ता के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पताल में भर्ती पीड़िता का सरकारी व्यय पर बेहतर से बेहतर इलाज सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने पीड़िता के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं.

मायावती की दोषी को सख्त सजा की मांग, अखिलेश- बहुत हुआ नारी पर अत्याचार

इस घटना को लेकर बहुजन समाज पार्टी की अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने बृह‍स्‍पतिवार को ट़वीट किया ‘ यूपी के उन्‍नाव जिले में तीन दलित बहनों में से दो की खेत में कल हुई रहस्‍यमय मौत एवं एक की हालत नाजुक होने की घटना अति गंभीर और अति दुखद है. पीडि़त परिवार के प्रति गहरी संवेदना. सरकार से घटना की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने तथा दोषियों को सख्‍त सजा दिलाने की बसपा की मांग.’

समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्‍य सुनील सिंह यादव ने आारोप लगाया है कि उन्‍नाव पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. उन्‍होंने इस घटना की स्‍वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है.

यादव ने इस मामले में ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘आज उन्‍नाव में तीन नाबालिग बच्चियों की दुष्‍कर्म और हत्‍या की खबर ने योगी आदित्‍यनाथ की सरकार के महिला सुरक्षा और मिशन शक्ति पर कालिख पोतने का काम किया है . अपराधियों बलात्‍काारियों की जयकारे लगाकर सत्‍ता का संरक्षण देने वालों के राज में इससे वीभत्‍स व शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.’

य़ूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले कुछ दिनों में यूपी में महिलाओं के साथ घटी बड़ी घटनाओं का जिक्र किया है. उन्होंने ट्वीट किया, उन्नाव की 3 दलित बहनों के लिए न्याय की माँग करने व सांत्वना देने के लिए सपा का प्रतिनिधिमंडल उनके परिजनों से मिला. पहले ‘हाथरस की एक बेटी’, फिर ‘बदायूंकी एक मां’ और अब ‘उन्नाव की बहनें’ भाजपा राज में कोई भी नारी सुरक्षित नहीं.

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भीम आर्मी और प्रियंका गांधी की पोस्टमार्टम दिल्ली में कराने की मांग

वहीं भीम आर्मी के चीफ चंद्र शेखर आजाद ने भी लड़कियों के शव को सुरक्षित रखने की बात कहते हुए एम्स में इनका पोस्टमार्टम कराने की मांग की है. चंद्रशेखर ने ट्वीट किया, ‘उन्नाव में जो दो बेटियां मारी गई हैं, उनके शव सुरक्षित रखे जाएं. हाथरस की तरह उनको आनन-फ़ानन में जलाने का मतलब होगा लीपापोती. हमारी मांग है कि एक सीनियर मेडिकल बोर्ड AIIMS, दिल्ली में इनका पोस्ट मार्टम करे और बोर्ड के कम से कम आधे डॉक्टर बहुजन हो.’

 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने उत्तर प्रद्रेश के उन्नाव में दो लड़कियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने और एक लड़की के बेसुध पाए जाने की घटना को ‘दिल दहला देने वाली’ करार दिया और कहा कि तीसरी लड़की को उपचार के लिए दिल्ली पहुंचाया जाए.

प्रियंका ने लिखा, ‘उन्नाव की घटना दिल दहला देने वाली है. लड़कियों के परिवार की बात सुनना एवं तीसरी बच्ची को तुरंत अच्छा इलाज मिलना जांच – पड़ताल एवं न्याय की प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी है.’

प्रियंका ने फेसबुक पर लिखा संदेश

वहीं राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर एक बार फिर यूपी की योगी सरकार को आड़े हाथों लिया है. राहुल ने लिखा कि केवल दलित समाज को ही नहीं यूपी सरकार महिला सम्मान व मानवाधिकारों को कुचलती जा रही है.

कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘खबरों के अनुसार पीड़ित परिवार को नजरबंद कर दिया गया है. यह न्याय के कार्य में बाधा डालने वाला काम है. आखिर परिवार को नजरबंद करके सरकार को क्या हासिल होगा ?’ प्रियंका ने कहा, ‘उप्र सरकार से निवेदन है कि परिवार की पूरी बात सुनें एवं त्वरित प्रभाव से तीसरी बच्ची को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए.’

(भाषा के इनपुट्स के साथ)


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