लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बदांयू जिले के एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने कथित तौर पर अपनी 19 वर्षीय बेटी और उसके प्रेमी की फावड़े से हत्या कर दी, और फिर हत्या के हथियार के साथ 13 किलोमीटर से अधिक पैदल चलकर एक पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया.
बदांयू के बिल्सी क्षेत्र के परौली गांव में नीतू और 20 वर्षीय जयपाल के शव बहुत ही खराब हालत में पाए गए. बिल्सी क्षेत्राधिकारी (सीओ) सुशील सिंह ने दिप्रिंट को बताया कि मंगलवार सुबह करीब 4.30 बजे आरोपी महेश ने दोनों को छिपकर मिलते देखा और गुस्से में आकर दोनों पर हमला कर दिया. वह कथित तौर पर उनके रिश्ते का विरोध कर रहे थे क्योंकि वे अलग-अलग जातियों से थे.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, बदांयू के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओ.पी सिंह ने पुष्टि की कि महेश फावड़ा लेकर खुद को सरेंडर करने के लिए बिल्सी पुलिस स्टेशन गए थे, और उन्हें तथा उनकी पत्नी भागमती को गिरफ्तार कर लिया गया. भागमती और परिवार के अन्य सदस्यों को कथित तौर पर पीड़ितों के शवों को विकृत करते हुए देखा गया.
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पीड़ित अनुसूचित जाति (एससी) परिवारों से थे. हालांकि, जयपाल के पिता ने दिप्रिंट को बताया कि वे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) से हैं.
जयपाल के पिता की शिकायत के आधार पर हत्या के कुछ घंटों बाद आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार के साथ दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा) और 34 ( सामान्य इरादा) लगाई गई. दिप्रिंट ने एफआईआर देखी है.
एसपी ने कहा, “शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.”
पुलिस के अनुसार, नीतू के परिवार द्वारा आपत्ति जताने के बावजूद पिछले कुछ सालों से नीतू और जयपाल रिश्ते में थे और जयपाल के काम के लिए हरिद्वार चले जाने के बाद भी वे संपर्क में रहे.
बिल्सी सीओ सिंह ने कहा, “उन्होंने (महेश) पहले युवक पर हमला किया और फिर अपनी बेटी पर हमला किया. फिर दोनों की हत्या कर दी गई. घटना के तुरंत बाद, महेश अपने हाथों में फावड़ा लेकर पुलिस स्टेशन की ओर चलने लगे और सुबह 7 बजे के आसपास पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.”
दिप्रिंट से बात करते हुए जयपाल के पिता सूरजपाल ने कहा कि जयपाल और नीतू एक ही स्कूल में पढ़े थे.
उन्होंने कहा, “लगभग दो साल पहले, हमें पता चला कि वे एक रिश्ते में थे और शादी करना चाहते थे. हालांकि, लड़की का परिवार इसके विरोध में था क्योंकि वे कोरी हैं और हम करेरा हैं. जब लड़की के परिवार ने उनके रिश्ते पर आपत्ति जताई तो हमने अपने बेटे को काम के लिए हरिद्वार भेज दिया. हालांकि, लड़की उससे मिलने के लिए अपने घर से भाग गई. हमने उसके परिवार से उनकी शादी कराने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. कुछ साल पहले एक और लड़की इसी तरह अपने परिवार से भाग गई थी, जो इस आपत्ति का मुख्य कारण था.”
जयपाल हरिद्वार में मजदूरी करता था और रविवार को अपने परिवार से मिलने आया था. सूरजपाल ने कहा, “वह सोमवार को वापस जाने वाला था, लेकिन उसने एक दिन रुकने का फैसला किया और हमें बताया कि वह मंगलवार को वापस जाएगा. हमें नहीं पता कि दोनों ने मिलने का फैसला किया था या नहीं.”
महेश के घर के बगल में रहने वाले सूरजपाल ने आगे कहा कि वह मंगलवार सुबह करीब 4.30 बजे चीखने-चिल्लाने की आवाज़ से जागे और उन्होंने महेश, भागमती, नीतू के दादा और दो किशोर भाइयों को दोनों के शवों पर हमसा करते देखा.
उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें बेजान पड़े हुए देखा, लेकिन परिवार ने यह सुनिश्चित करने के लिए उनके शरीर पर हमला करना जारी रखा कि दोनों मर चुके हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “मैं उनके पास नहीं गया वरना वह शायद हमें भी मार देते.”
एक पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि नीतू और जयपाल के चेहरे खराब हो गए थे और उनके शरीर पहचान में नहीं आ रहे थे.
(संपादन: अलमिना खातून)
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