लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े गला रेतकर हत्या के बाद तनावपूर्ण माहौल है. शहर के कई इलाकों में बीती रात हए विरोध प्रदर्शन के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बता दें कि हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश की शुक्रवार दोपहर घर पर आए दो बदमाशों ने चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी. बताया जा रहा है कि मिठाई के डिब्बे में हत्यारे चाकू और तमंचा लेकर आए थे. शरीर में चाकू के 15 से अधिक निशान हैं. सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.
कट्टरवादी छवि के कमलेश विवादों से घिरे रहे
बता दें कि कमलेश कट्टर हिंदूवादी छवि के थे और अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में भी रहते थे. कमलेश तिवारी ने 2015 में पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था. हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनके खिलाफ एनएसए रद्द कर दिया था.
उनके करीबियों के मुताबिक कमलेश पैगंबर साहब को लेकर दिए अपने बयान के बाद हुए विवाद और उससे संघ की दूरी से आहत होकर संघ से भी दूर हो गए थे. उन्होंने कई अवसरों पर संघ और भाजपा के खिलाफ भी खुलकर बोला. तिवारी ने संघ को दोहरे चरित्र वाला संगठन बताया था. तिवारी ने भाजपा की भी आलोचना करते हुए उसे भी कांग्रेस और सपा, बसपा जैसी पार्टी बताते हुए सवाल किया था कि चुनाव के समय क्यों चिल्लाते हो कि हिंदू अस्मिता खतरे में है.
कमलेश तिवारी ने जनवरी 2017 में हिंदू समाज पार्टी की स्थापना की थी. तिवारी इससे पहले हिंदू महासभा के नेता रह चुके थे.
सोशल मीडिया पर लिखते थे बीजेपी- आरएसएस के खिलाफ
कमलेश सोशल मीडिया पर अक्सर बीजेपी व आरएसएस के खिलाफ मुखर रहते थे. उन्होंने बीते 14 अक्टूबर को फेसबुक पर लिखा था, ‘भाजपा संघ के लोगो को कमलेश तिवारी का काम नहीं दिखाई दे रहा हैं जो हिंदूओ के लिये जान की बाजी लगाकर कर रहे ,संघ भाजपा का विरोध देख रहे ,उतरो मुसलमानों के खिलाफ हम तुम्हारे साथ हैं हम जेल मे रहे तब तो साथ दिया नही आज हजारो लाखो हिंदुओ को संगठित कर लड रहे तो पीडा हो रही हैं’ यही नहीं इससे पहले भी वह बीजेपी आरएसएस के खिलाफ कई पोस्ट कर चुके थे.
11 अक्टूबर को उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘देश मे सरकार मोदी की हैं अंधभक्त बंगाल घटनाओं पर कोश विपक्ष और सेकुलरो वामपंथियो को रहे ,अरे हिंदूओ के वो कब थे कब हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगा ,वो तो जेहादियों के साथ हमेसा थे और रहेंगे विरोध करना हैं तो सरकार का करो मोदी का करो ममता बानो का करो.’
राम मंदिर पर भी अक्सर देते थे बयान
कमलेश राम मंदिर पर अपने बयान से भी सुर्खियों में रहे थे. उन्होंने कहा था कि जिस दिन अयोध्या में पांच लाख हिंदू इकट्ठा हो गया, उस दिन राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा. कमलेश तिवारी ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण होकर रहेगा, चाहे वह तलवार के दम पर क्यों न हो. तिवारी ने मोदी सरकार को अगस्त तक का अल्टीमेटम देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी. उन्होंने छह दिसंबर 2018 को विवादित स्थल पर कार सेवा करने की घोषणा की थी. इसके बाद तीन दिसंबर 2018 को उन्हें अयोध्या में गिरफ्तार भी किया गया था. तिवारी ने कहा था कि अयोध्या में क्या होगा यह कोई न्यायालय या सरकार तय नहीं कर सकती. यह सिर्फ हिंदुओं की हुंकार तय कर सकती है.
जो देशभक्त हैं वो गोडसे को मानते ,जितने गददार हैं वो गांधी को मानते ..
अब तय मोदी टीम को करना हैं वो क्या है।— Kamlesh Tiwari? HSP (@kamleshtiwari03) October 3, 2019
गोडसे का मंदिर बनवाना चाहते थे
कमलेश सोशल मीडिया पर गोडसे के पक्ष में भी लिखा करते थे. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कमलेश तिवारी ने दिसंबर 2014 में पारा गांव में गोडसे का मंदिर बनाने का एलान किया. उन्होंने दावा किया था कि 30 जनवरी 2015 को पारा गांव में मंदिर की नींव रखेंगे. तब उनका गांव छावनी में तब्दील हो गया था. उसके बाद कमलेश वहां नहीं पहुंचे. वहीं, तीन दिसंबर 2018 को उन्होंने कहा था कि इस देश में जिन्ना की पूजा की जा सकती है, तो गोडसे की क्यों नहीं. भाजपा यदि हिंदुओं की सरकार होने का दावा करती है तो गोडसेवाद का विरोध क्यों करती है. उन्होंने घर-घर से गोडसे निकालने की बात करते हुए कहा था कि जिन्ना और गांधी अब जहां भी दिखेंगे, उन्हें गोली मार दी जाएगी. तिवारी ने कहा था कि इस देश में बढ़ती जिन्ना की सोच गोडसे का मंदिर बनवाने को विवश कर रही है. सीतापुर, लखनऊ और अहमदाबाद के साथ ही 100 जिलों में हिंदू समाज पार्टी गोडसे की प्रतिमा स्थापित कराएगी.
2अक्टूबर को तो गांधीवाद पर गोडसेवाद भारी अब 30जनवरी की तॆयारी ,क्योंकि हिंदू समाज पार्टी ने जो ठाना हैं करके रहेगी ,गोडसे जी का सपना साकार करना हैं #गोडसे_अमर_रहें
— Kamlesh Tiwari? HSP (@kamleshtiwari03) October 2, 2019
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सीसीटीवी फुटेज आई सामने
जानकारी के मुताबिक, दो भगवा कपड़े पहने बदमाश हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर नेता कमलेश तिवारी से मिलने कार्यालय पहुंचे. बातचीत कर साथ में चाय पी, उसके बाद मिठाई के डिब्बे में छिपाकर लाए रिवॉल्वर व चाकू निकाल लिया. चाकू से उनपर ताबड़तोड़ 15 से ज्यादा बार गले पर वार किए. सीसीटीवी फुटेज में भगवा पहने दो शख्स की शिनाख्त की गई है. लहूलुहान हालत में नेता कमलेश तिवारी को ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के मुताबिक जब वह अस्पताल लाए गए थे तो गंभीर अवस्था में थे और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
पुलिस टीम सेलफोन की डिटेल खंगालने के साथ ही सर्विलांस की मदद से आरोपी की तलाश में जुट गई है. बताया जा रहा है कि एक ने गला रेता और दूसरे ने गोली मारी. लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रतीत हो रहा है कि आपसी रंजिश के तहत घटना को अंजाम दिया गया है. मामले की छानबीन में 10 टीमें लगाई गई हैं. मौके पर एक असलहा बरामद हुआ है, उसकी जांच की जा रही है. इलाके के आस-पास लगे सभी सीसीटीवी कैमरे खंगाले जा रहे हैं. लोगों से पूछताछ भी की जा रही है.
कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर परिजनों और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. पुलिस शुक्रवार देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद कमलेश तिवारी का शव उनके कार्यालय लेकर पहुंची. लेकिन, वहां लोगों का गुस्सा और विरोध देखते हुए पुलिस शव लेकर उल्टे पांव लौट गई. बाद में पुलिस कमलेश तिवारी के शव को लेकर उनके पैतृक जिले सीतापुर के महमूदाबाद के लिए रवाना हो गई.