लखनऊ, 17 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने शनिवार को बहराइच में दरगाह शरीफ में वार्षिक जेठ मेले के आयोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि दरगाह शरीफ में नियमित गतिविधियां और अनुष्ठान जारी रहेंगे।
न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने वक्फ संख्या 19, दरगाह शरीफ द्वारा दायर याचिकाओं और दो अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। याचिकाकर्ताओं ने स्थानीय प्रशासन के उस आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया था, जिसमें दरगाह शरीफ प्रबंधन समिति को मेला आयोजित करने से रोक दिया गया था।
छुट्टी का दिन होने के बावजूद, मुख्य न्यायाधीश ने शनिवार को तत्काल मामले की सुनवाई के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया। लंबी सुनवाई के बाद, पीठ ने अपना अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया, लेकिन मेले के संबंध में अपने फैसले को रेखांकित करते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया। अदालत ने संकेत दिया कि पूर्ण निर्णय देने में अतिरिक्त समय लग सकता है, इसलिए यह अंतरिम निर्देश दिया गया।
अपने आदेश में पीठ ने स्थानीय प्रशासन को दरगाह शरीफ प्रबंधन समिति के साथ मिलकर कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ नागरिक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने अदालत द्वारा पारित अंतरिम आदेश पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दरगाह शरीफ में भीड़भाड़ न हो और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि बनी रहे। इसके अलावा, पीठ ने उम्मीद जताई कि मेला समिति प्रशासन के लिए कोई मुश्किलें पैदा नहीं करेगी। विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा।
सैयद सालार मसूद गाजी की दरगाह पर हर साल आयोजित होने वाले प्रसिद्ध ‘जेठ मेले’ को बहराइच के जिला प्रशासन ने बीते दिनों अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इसके पहले सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर संभल जिले में लगने वाले ‘नेजा मेला’ को वहां के प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार किया था।
भाषा सं आनन्द सुरभि
सुरभि
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