नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एमएसपी, कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मुकदमे वापस लेने सहित अपनी अन्य मांगों पर सरकार से बातचीत के लिए शनिवार को पांच सदस्यीय समिति बनाई. किसान नेता राकेश टिकैत ने यहां यह जानकारी दी।
एसकेएम की तरफ से आयोजित एक बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, अशोक धावले, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी और युधवीर सिंह को समिति का सदस्य के तौर पर चुना गया है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन के भविष्य की दिशा तय करने के लिए मोर्चा की अगली बैठक सात दिसंबर को सुबह 11 बजे होगी.
बैठक के बाद एसकेएम नेताओं ने कहा कि वो सिंघू बॉर्डर से तब तक नहीं हटेंगे, जब तक कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं ले लिए जाते और लिखित में आश्वासन की मांग की.
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में किसानों की तरफ से कौन बातचीत करेगा, यह समिति तय करेगी.
किसान नेता और एसकेएम सदस्य अशोक धावले ने कहा कि बैठक में शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा देने, किसानों के खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमों और लखीमपुर खीरी कांड के मुद्दों पर चर्चा की गई.
विरोध करने वाले किसानों की मुख्य मांगों में से एक तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए सोमवार को संसद में एक विधेयक पारित किया गया था.
हालांकि, गतिरोध जारी है क्योंकि प्रदर्शनकारी किसान अपनी अन्य मांगों जैसे एमएसपी पर कानूनी गारंटी, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और मामलों को वापस लेने पर जोर दे रहे हैं.
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