पुलिस ने कहा कि पीड़ित विनय श्रीवास्तव, किशोर के बेटे विकास किशोर का सहयोगी था और उसे विकास किशोर की लाइसेंसी पिस्तौल से गोली मारी गई थी. पुलिस के अनुसार, तीनों – अजय रावत, अंकित वर्मा और शमीम उर्फ बाबा – ने हत्या की बात कबूल कर ली है और कहा है कि घर में जुआ खेलने और शराब पीने के दौरान झगड़ा हो गया था.
हालांकि, पीड़ित परिवार ने पुलिस की बात को खारिज कर दिया है और उन पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया है.
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री और लखनऊ के मोहनलालगंज (एससी) निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कौशल किशोर ने कहा कि घटना के समय उनका बेटा दिल्ली में था. उन्होंने कहा कि उनका परिवार मृतक को 2017 से जानता था.
पुलिस ने पीड़ित के भाई विकास श्रीवास्तव की शिकायत पर तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. दिप्रिंट के पास एफआईआर की कॉपी है.
ठाकुरगंज पुलिस स्टेशन के SHO विकास राय ने दिप्रिंट को बताया कि शनिवार को अपने हथियार लाइसेंस के कथित दुरुपयोग के लिए विकास किशोर के खिलाफ शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है.
शुक्रवार शाम मीडिया को संबोधित करते हुए संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आकाश कुलहरि से जब पूछा गया कि श्रीवास्तव पर गोली किसने चलाई थी, तो उन्होंने कहा कि वह अंकित था. पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) राहुल राज ने कहा कि चूंकि विकास किशोर की पिस्तौल, जिसे वह घटनास्थल पर छोड़ गया था, हत्या में इस्तेमाल की गई थी, पुलिस जिला मजिस्ट्रेट से सिफारिश करेगी कि उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाए.
हालांकि, श्रीवास्तव के परिवार ने आरोप लगाया कि उन्हें मौके से बरामद कोई ताश या शराब की बोतलें नहीं दिखाई गईं. उन्होंने यह भी सवाल किया कि दिल्ली गए विकास किशोर अपनी पिस्तौल अपने साथ क्यों नहीं ले गए.
पीड़ित की मां छाया श्रीवास्तव ने कहा, “मेरे बेटे को मंत्री के बेटे की पिस्तौल से गोली मारी गई. वह इसे अपने साथ क्यों नहीं ले गया? वह पूरे समय विनय को अपने साथ रखता था.”
मृतक के परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों पर दिप्रिंट से बात करते हुए कुलहरि ने कहा कि मौके से 52 कार्ड बरामद किए गए हैं और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि मौके से शराब की बोतलें बरामद हुई हैं या नहीं.
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घटनाओं के क्रम
खबरों के मुताबिक, जिस जमीन पर घर बना है वह कौशल किशोर की है. दिप्रिंट ने शुक्रवार को जिस घर का दौरा किया, वहां एक डांस अकादमी का प्लेकार्ड लगा हुआ है.
पुलिस के अनुसार, 1 सितंबर को सुबह 2 बजे से 2.50 बजे के बीच, कुल छह लोग – श्रीवास्तव और तीन आरोपी, साथ ही दो अन्य जिनकी पहचान सौरभ प्रताप सिंह और अरुण प्रताप सिंह उर्फ बंटी के रूप में हुई – घर पर इकट्ठा हुए थे और जुआ खेलने के पहले शराब पी रहे थे.
“मृतक विनय जुए में लगभग 12,000 रुपये हार गया और कुछ समय बाद, अजय, अंकित और शमीम के कहने पर खेल बंद हो गया. कुलहरि ने मीडिया को बताया, ”सौरभ और बंटी अपनी जीती हुई सारी रकम लेकर वहां से चले गए.”
कुलहरि ने कहा कि श्रीवास्तव तीन आरोपियों से गुस्सा हो गया था, वह अपनी हार के लिए उन्हें जिम्मेदार मान रहा था और उन पर जानबूझकर खेल रोकने का आरोप लगाया.
पुलिस के एक बयान के अनुसार, आरोपी इस आरोप से नाराज हो गए और उन्होंने श्रीवास्तव पर हमला करना शुरू कर दिया.
“जब उसकी शर्ट फट गई, तो विनय और गुस्से में आ गया और उसने तीनों पर उसके खिलाफ गुटबाजी करने का आरोप लगाया और उन्हें अपना दुश्मन कहा. जैसे ही लड़ाई बढ़ी, अंकित ने बिस्तर पर तकिये के नीचे रखी पिस्तौल निकाल ली और तीनों ने विनय को पकड़ लिया और उसकी हत्या कर दी.
परिवार ने लगाया लीपापोती का आरोप
शुक्रवार सुबह शिकायत के बाद, पीड़ित परिवार और स्थानीय निवासियों ने श्रीवास्तव के शव को पोस्टमॉर्टम हाउस से वापस लाए जाने के बाद रिंग रोड पर यातायात अवरुद्ध कर दिया. कुछ घंटों बाद, शाम 7 बजे आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस ने कहा कि उन्होंने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
पीड़ित परिवार के अनुसार, श्रीवास्तव, विकास किशोर के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में जाते थे और अक्सर अपने तीन दोस्तों – रावत, वर्मा और शमीम के साथ उनके घर पर रात भर रुकते थे.
उसकी मां छाया श्रीवास्तव ने कहा कि गुरुवार को वह लगभग 11 बजे अपने घर से निकला और वापस नहीं लौटा. उनके भाई विकास श्रीवास्तव को शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे वर्मा का फोन आया और उसने बताया कि विनय की मौत हो गई है.
विनय की मां ने कहा, “मेरे बड़े बेटे विकास ने उसे रात करीब 11 बजे फोन किया, तो विनय ने उससे कहा कि वह जल्द ही घर लौट आएगा, लेकिन वह नहीं लौटा. सुबह करीब 4 बजे उन्हीं तीन में से किसी का विकास के पास फोन आया और उसने विनय के मौत की खबर दी.
विकास ने कहा, ”जब मैं मौके पर पहुंचा तो मेरा भाई मंत्री के घर के एक कमरे में फर्श पर पड़ा हुआ था. उसका शरीर बिना शर्ट के खून से लथपथ पड़ा हुआ था. उनके सिर के बीचोबीच गोली मारी गई थी.”
छाया ने कहा कि मौत से पहले उनके बेटे की पिटाई की गई थी. “उस पर हमला किया गया था. उसकी कमीज़ फटी हुई थी और उसके बटन फर्श पर पड़े थे. उसकी घड़ी छत पर एक फूल के गमले में मिली थी. उसकी हत्या की गयी थी.”
विकास के मुताबिक, जब वह मौके पर पहुंचे तो वर्मा ने उन्हें बताया कि उनके भाई ने आत्महत्या कर ली है. हालांकि, शव की स्थिति और गोली के घाव की गहराई ने परिवार को संदेह में डाल दिया.
छाया के साथ घटनास्थल पर पहुंची पड़ोसियों में से एक सारिका सिंह ने कहा, “गोली उसके सिर को पार कर गई थी. यह हत्या का स्पष्ट मामला है.”
विकास ने आगे आरोप लगाया कि, घर के प्रवेश द्वार और गेट के पास वाले कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे, लेकिन जिस कमरे में घटना हुई, उसके अंदर का कैमरा काम नहीं कर रहा था.
हालांकि, कुलहरि के अनुसार, घर के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था और एक कैमरा मुख्य द्वार की ओर लगाया गया था.
विकास ने यह भी दावा किया कि जब वह मौके पर गए तो उन्हें घटनास्थल पर जुआ या शराब का कोई सबूत नहीं मिला.
विकास ने आरोप लगाया, “पुलिस कुछ छुपाने की कोशिश कर रही है. दो सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे, लेकिन जिस कमरे में हत्या हुई, वह काम नहीं कर रहा था. हमें संदेह है कि बंटी और सौरभ का इससे कुछ लेना-देना हो सकता है क्योंकि बंटी के साथ जमीन विवाद था.”
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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