scorecardresearch
Thursday, 26 December, 2024
होमदेशकेंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन, कुछ समय से चल रहे थे बीमार

केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का 74 साल की उम्र में निधन, कुछ समय से चल रहे थे बीमार

रामविलास पासवान के निधन से राजनीतिक हल्कों में निराशा दौड़ गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि मेरे लिए पासवान जी का जाना व्यक्तिगत क्षति है. हमारे राष्ट्र में एक शून्य पैदा हो गया है जो शायद कभी नहीं भरेगा.

Text Size:

नई दिल्ली:  केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का बृहस्पतिवार को निधन हो गया. उनके निधन की जानकारी बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट कर दी है. वह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. 4 अक्टूबर की शाम को उनका अचानक दिल का ऑपरेशन करना पड़ा था.

चिराग ने रामविलास पासवान की निधन की जानकारी देते हुए ट्वीट किया, ‘ पापा..अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं. मिस यू पापा.’

पांच जुलाई को 1946 में खगड़िया में जन्म हुआ था. वह लगभग पांच दशको तक भारतीय राजनीति में छाए रहे. पासवान के निधन से राजनीतिक हल्कों में निराशा दौड़ गई है.कोई ऐसा राजनीतिक दल नहीं था जहां उनके दोस्त नहीं थे. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तक उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामविलास पासवान के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं शब्दों से परे दुखी हूं. हमारे राष्ट्र में एक शून्य पैदा हो गया है जो शायद कभी नहीं भरेगा. श्री राम विलास पासवान जी का निधन मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है.  मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी को खो दिया है, जो हर गरीब व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहता था कि वह गरिमापूर्ण जीवन जिए.’

रामविलास पासवान के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘ केंद्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान जी का निधन मेरे लिए अत्यंत पीड़ादायक है. अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में उन्होंने हमेशा ग़रीबों, दलितों एवं वंचितों के कल्याण के लिए काम किया. उनकी गिनती बिहार की मिट्टी से जुड़े क़द्दावर नेताओं में थी और उनके सभी दलों के साथ अच्छे सम्बंध थे.

एक के बाद एक ट्वीट कर सिंह ने लिखा,  ‘रामविलासजी के निधन से बिहार राज्य और राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ी रिक्तता पैदा हो गयी है. उनके साथ मेरी बहुत लम्बी और अच्छी मित्रता थी. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. इस दुःख की घड़ी में ईश्वर उनके परिवार एवं समर्थकों को संबल प्रदान करें. ॐ शान्ति!’

 

पांच दशक तक छाए रहे

पांच दशक तक राजनीति में समय बिताने वाले रामविलास पासवान ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह की कैबिनेट में तो रहे ही अभी वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मामले के मंत्री थे. इस कालखड के सभी प्रधानमंत्रियों के ‘कैबिनेट’ में अपनी जगह बनाने वाले शायद वह एकमात्र नेता थे.

राम विलास पासवान (74) पिछले पांच दशक से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय थे और देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक थे.

राम विलास पासवान को उनके सहयोगी लालू यादव मौसम वैज्ञानिक’ बुलाते थे और बाद में वे राजनीतिक हल्कों में इस  रूप में प्रचलित हो गए थे. 1969 में बिहार के अलौली विधानसभा से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा.

राम विलास पासवान ने 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर से लोकसभा चुनाव लड़े और सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया था.

share & View comments