scorecardresearch
Thursday, 7 November, 2024
होमदेश90 फीसदी पुलिसकर्मियों को हर रोज 12 घंटे से अधिक करना पड़ता है काम, सरकार देगी अच्छा माहौल- शाह

90 फीसदी पुलिसकर्मियों को हर रोज 12 घंटे से अधिक करना पड़ता है काम, सरकार देगी अच्छा माहौल- शाह

केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पुलिसकर्मियों को काम का अच्छा माहौल मुहैया कराया जाए और उनकी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी चिंताओं को दूर किया जाए.

Text Size:

नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लाइन ऑफ ड्यूटी के दौरान जान गंवा चुके पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी. नेशनल पुलिस मेमोरियल में आयोजित पुलिस कॉमेमोरेशन डे परेड के दौरान शाह ने कहा, ‘अब तक 34,844 पुलिस कर्मी ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा चुके हैं, 292 का नाम आज इस सूची में जोड़ा जाएगा.’

गृह मंत्री ने कहा कि आज हमारे पास एक लाख लोगों की सुरक्षा के लिए महज़ 144 पुलिस कर्मी हैं, जबकि आदर्श रूप से, 222 पुलिस कर्मी होने चाहिए.

गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित समय सीमा में कदम उठाएगी कि पुलिसकर्मियों को काम का अच्छा माहौल मुहैया कराया जाए और उनकी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी चिंताओं को दूर किया जाए.

शाह ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद पुलिस एवं अर्द्धसैन्य बलों को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा कि देश की समर्पण भाव से सेवा करने वाले खाकी वर्दी पहने पुरुष एवं महिलाएं ही विश्व के एक शक्तिशाली देश के रूप में भारत की छलांग को सुनिश्चित करते हैं.

मंत्री ने कहा कि प्रति एक लाख नागरिकों के लिए 222 कर्मियों के न्यूनतम मानदंड की तुलना में मात्र 144 कर्मी मौजूद हैं.

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि करीब 90 प्रतिशत पुलिसकर्मियों को हर रोज 12 घंटे से भी अधिक समय तक काम करना पड़ता है और उनमें से तीन चौथाई कर्मी साप्ताहिक अवकाश भी नहीं ले पाते.

शाह ने पुलिस स्मृति दिवस पर बलों से कहा, ‘मेरी सरकार ने पुलिस के कल्याण के लिए काफी काम किया है और मैं भरोसा दिला सकता हूं कि हम और काम करना जारी रखेंगे, आपके लिए निर्धारित समय सीमा में स्वास्थ्य, आवास, परिवार कल्याण और काम का अच्छा माहौल सुनिश्चित करने के लिए और कदम उठाएंगे.’

उन्होंने कहा कि वह और देश के नागरिक पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर कर्तव्य के पालन के लिए जीवन का बलिदान देने वालों और उनके परिवार को विनम्र श्रद्धांजलि देते हैं.

शाह ने कहा, ‘जब हम पुलिस को सामान्य तरीके से काम करते देखते हैं, तो यह सामान्य दिखता है लेकिन हम जब नजरिया बदलते हैं तो समझ आता है कि हमारा देश जो विकास कर रहा है वह इन पुलिसकर्मियों के समर्पण और उनकी मौन सेवा के कारण है.’

उन्होंने बताया कि आतंकवादियों से लेकर उग्रवादियों एवं नक्सलियों से निपटना और सड़क पर यातायात नियंत्रित करना, यह सब पुलिसकर्मी करते हैं.

ताजा आंकड़ों के अनुसार स्वतंत्रता के बाद से 35,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की जान गई है और पिछले एक साल में (सितंबर 2018 से इस साल अगस्त तक) 292 कर्मियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है या ड्यूटी के दौरान अप्राकृतिक कारणों से उनकी मौत हुई है.

इस कार्यक्रम में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और अन्य केंद्रीय पुलिस संगठनों के प्रमुखों एवं अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान शाह ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की एक नई वेबसाइट का लोकार्पण किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवीकरण के बाद राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का पिछले साल इसी दिन उद्घाटन किया था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित इस स्मारक में एक नया संग्रहालय भी बनाया गया है.

लद्दाख के हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में 1959 में चीन सेना द्वारा घात लगाकर किए गए एक हमले में शहीद हुए 10 पुलिसकर्मियों के सम्मान में यह दिवस आयोजित किया जाता है. इस अवसर पर उन सुरक्षा कर्मियों को याद किया जाता है जिन्होंने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करते हुए अपनी जान की कुर्बानी दी.

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

share & View comments