नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का कार्यकाल तीन साल के लिए 31 मार्च, 2025 तक बढ़ा दिया.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया.
इस आयोग के कार्यक्षेत्र में सफाई कर्मचारियों के लिए सुविधाओं और अवसरों में असमानताओं को दूर करने की दिशा में केंद्र सरकार को विशिष्ट कार्य योजनाओं की सिफारिश करना शामिल है.
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग का गठन 1993 में संसद से पारित अधिनियम के तहत किया गया था. शुरुआत में इसका कार्यकाल 31 मार्च,1997 तक के लिए था. इस अधिनियम की वैधता को पहले 31 मार्च, 2002 तक और फिर 29 फरवरी 2004 तक बढ़ाया गया.
वर्ष 2004 में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग अधिनियम की अवधि समाप्त होने के बाद से यह आयोग एक गैर सांविधिक संस्था के रूप में काम कर रहा है.
मौजूदा आयोग का कार्यकाल 31 मार्च, 2022 तक है.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत कार्यरत इस आयोग का कार्यकाल समय-समय पर सरकारी संकल्पों के जरिए बढ़ाया जाता है.
अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘यह विषय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल के बहुत करीब है. हमने इसको लेकर कई कदम उठाए हैं.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘सफाई कर्मचारी आयोग को इस वर्ग के सामने आने वाली चुनौती से निपटने के मकसद से नीतियां बनाने और उनके कल्याण के लिए गठित किया गया था. मोदी जी ने स्वच्छता अभियान के माध्यम से सफाई कर्मचारियों को लेकर लोगों की धारणा बदलने का प्रयास किया है.’
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