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Saturday, 20 April, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को UNGA ने दिया ‘ऑब्जर्वर स्टेटस’, भारत ने बताया ऐतिहासिक फैसला

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में 124 सदस्य देश हैं जिसकी शुरुआत भारत ने की थी. इस गठबंधन में ज्यादातर सनसाइन देश शामिल हैं जो ट्रॉपिक ऑफ कैंसर और ट्रॉपिक ऑफ कैप्रिकॉर्न के बीच में पड़ते हैं.

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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) को ऑब्जर्वर स्टेटस देने का फैसला किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

तिरुमूर्ति ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को ऑब्जर्वर स्टेटस देने का यूएनजीए का फैसला ऐतिहासिक है.

उन्होंने कहा, ‘छह सालों में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन वैश्विक जलवायु के क्षेत्र में एक उदाहरण बना है.’

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सेशन के अध्यक्ष अब्दुल्ला साहिद ने इस पर बधाई दी और कहा, ‘कमिटी की छठी रिपोर्ट के आधार पर 76/123 प्रस्ताव को मंजूरी दी और एकमत से अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को यूएन महासभा के सेशन में भाग लेने के आमंत्रित करने का फैसला किया है.’

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अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की चौथी आम सभा अक्टूबर में आयोजित की गई थी. असेंबली में कुल 108 देशों ने भाग लिया था, जिसमें से 74 सदस्य देश और 34 आब्जर्वर और संभावित देश, 23 सहयोगी संगठन और 33 विशेष आमंत्रित संगठन शामिल थे.


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ऑब्जर्वर स्टेटस

जिन संगठनों को ऑब्जर्वर स्टेटस दिया जाता है वो यूएनजीए के सेशन में शामिल हो सकते हैं. साथ ही मंत्रीस्तरीय कांफ्रेंस, व्यापार और विकास बोर्ड की बैठक में भी शामिल हो सकते हैं.

ऑब्जर्वर स्टेटस वाले संगठन अपने अधिकार क्षेत्र के मुद्दों पर महासभा की बैठकों में मौखिक बयान और लिखित सामग्री भी दे सकते हैं.


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अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

साल 2015 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के शुभारंभ की घोषणा भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने पेरिस में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के 21वें सत्र में की थी.

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में 124 सदस्य देश है जिसकी शुरुआत भारत ने की थी. इस गठबंधन में ज्यादातर सनसाइन देश शामिल हैं जो ट्रॉपिक ऑफ कैंसर और ट्रॉपिक ऑफ कैप्रिकॉर्न के बीच में पड़ते हैं.

इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर जीवाश्म ईंधन से निर्भरता कम करना है. जीवाश्म ईंधन से निर्भरता कम करने को लेकर भारत वैश्विक जलवायु के क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है और भारत ने पैरिस समझौते को लेकर भी अपनी प्रतिबद्धता जताई है.

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय भारत के गुरुग्राम में स्थित है.

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) एक संधि आधारित अंतर-सरकारी संगठन है जो सौर ऊर्जा के लाभों के जरिए और स्वच्छ ऊर्जा अनुप्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक बाजार प्रणाली बनाने के लिए काम कर रहा है.

इस वैश्विक समूह में 75 हस्ताक्षरकर्ता देशों के साथ, आईएसए एक बहु-हितधारक पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है जहां एक सुरक्षित और टिकाऊ दुनिया की ऊर्जा मांगों को पूरा करने के सामान्य और साझा लक्ष्य को बढ़ावा देने के लिए संप्रभु राष्ट्र, बहुपक्षीय संगठन, उद्योग, नीति निर्माता और नवप्रवर्तक मिलकर काम करते हैं.

नवंबर 2021 को अमेरिका ने भी इस गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया था. अमेरिका इस गठबंधन में शामिल होने वाला 101वां देश है.

सौर गठबंधन में अमेरिका के जुड़ने पर पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा था कि इस कदम से आईएसए को मजबूती मिलेगी और विश्व में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा.

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी ट्वीट कर इस पर बधाई दी. उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी के विजन को सराहा जा रहा है. सिर्फ 6 सालों में यूएनजीए ने सौर गठबंधन को ऑब्जर्वर स्टेटस दिया है.’


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