प्रयागराज (उप्र), 13 सितंबर (भाषा) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर टी जी सीताराम ने देश-विदेश में आ रही प्राकृतिक आपदाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए शनिवार को कहा कि अनियंत्रित शहरीकरण, वनों की कटाई और जलवायु उपेक्षा ने बाढ़, भूस्खलन, बादल फटने एवं सूखा जैसी घटनाओं को और बढ़ा दिया है।
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद के 20वें दीक्षांत समारोह को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए सीताराम ने कहा, ‘‘अभियंता, नवप्रवर्तक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में हमें संकल्प लेना होगा कि हम हरित ऊर्जा को अपनाएंगे, आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा विकसित करेंगे, सतत प्रौद्योगिकियां लाएंगे और सबसे बढ़कर विकास एवं पारिस्थितिकी के बीच संतुलन स्थापित करेंगे।’’
दीक्षांत समारोह में कुल 648 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। साथ ही 22 मेधावी विद्यार्थियों को पदक भी प्रदान किए गए।
प्रोफेसर सीताराम ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की यात्रा अभूतपूर्व ढंग से आगे बढ़ रही है तथा चंद्रयान-3 की सफलता से लेकर सूर्य के अध्ययन के लिए आदित्य-एल1 के प्रक्षेपण तक, भारत ने सिद्ध कर दिया है कि वह अनुयायी नहीं, बल्कि अग्रदूत है।
डिजिटल क्षेत्र की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यूपीआई, आधार और ‘डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर’ जैसी पहल न केवल शासन और सेवाओं में क्रांति ला रही हैं, बल्कि वैश्विक मानदंड भी स्थापित कर रही हैं। उनका मानना है कि इसी दिशा में सेमीकंडक्टर क्रांति भारत के लिए पासा पलटने वाला साबित होगा।
‘जेनकोवल स्ट्रेटजिक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’, मुंबई के चेयरमैन दीपक घैसास ने विशिष्ट अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का नवप्रवर्तन पारितंत्र अब परिपक्व हो रहा है तथा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने दुनिया के सामने भारत की रक्षा और रणनीतिक तकनीक में अद्भुत प्रगति को प्रदर्शित किया है।
मॉर्गन स्टैनली के उपाध्यक्ष तथा ट्रिपल आईटी इलाहाबाद के पूर्व छात्र कमलेश लोहटी ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आप ऐसे समय में स्नातक हो रहे हैं, जब अपार अवसरों के साथ-साथ कई बड़ी चुनौतियां भी सामने हैं।
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