कोलकाता, 19 मार्च (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कोलकाता के महापौर फिरहद हकीम ने मंगलवार को अवैध निर्माण को रोकने में अपनी विफलता स्वीकार की और इसे महानगर में एक बढ़ता सामाजिक खतरा करार दिया।
स्थानीय विधायक और राज्य के शहरी विकास मंत्री हकीम का बयान गार्डन रीच इलाके में एक अवैध निर्माणाधीन इमारत के ध्वस्त होने के एक दिन बाद आया है, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए।
लोकसभा चुनाव से पहले इमारत के ढहने से राज्य में तृणमूल सरकार के तहत कथित भ्रष्टाचार को लेकर राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है।
गार्डन रीच की घनी आबादी वाले अजहर मुल्ला बागान इलाके में कथित तौर पर एक जलाशय को मिट्टी से भरकर बनाई जा रही पांच मंजिला इमारत पड़ोस की झोपड़ियों पर गिरने के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि इलाके में कम से 800 अनधिकृत मकान बने हैं।
हकीम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अवैध निर्माण का यह कारोबार एक सामाजिक खतरा बन गया है, जिसे रोकने में हम विफल रहे हैं। लेकिन मैं कोशिश कर रहा हूं। क्षेत्र में कुछ अन्य इमारतें भी हैं जिनकी पहचान अवैध निर्माण के रूप में की गई है। हम उनके खिलाफ कदम उठाएंगे।’’
नगरपालिका मामलों के मंत्री हकीम ने स्थानीय तृणमूल पार्षद शम्स इकबाल का भी बचाव करने की कोशिश की। इकबाल और ढही हुई इमारत के निर्माणकर्ता के बीच मिलीभगत के आरोप थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अवैध निर्माण की जांच करने का काम केएमसी (कोलकाता नगर निगम) के भवन विभाग का है, न कि पार्षद का।’’
हालांकि, कोलकाता के उप महापौर अतीन घोष, हकीम से सहमत नहीं थे। उन्होंने कहा, ‘‘स्थानीय पार्षद अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते क्योंकि घटना उनके क्षेत्र में हुई है।’’
इस बीच, भाजपा ने कोलकाता के महापौर पद से हकीम के इस्तीफे की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘अगर फिरहद हकीम इस बात से सहमत हैं कि वह अवैध निर्माण के खतरे को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। तृणमूल नेता और स्थानीय पुलिस रियल एस्टेट सिंडिकेट के साथ मिले हुए हैं।’’
हकीम ने सोमवार को स्वीकार किया कि जो ढांचा गिरा वह अनधिकृत था, लेकिन उन्होंने इसकी जिम्मेदारी राज्य की पिछली वाम सरकार पर डाल दी।
भाषा
धीरज माधव
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