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Friday, 1 November, 2024
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केरल और कर्नाटक के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने कहा- आईएसआईएस पर यूएन की रिपोर्ट में कोई नई खुफिया जानकारी नहीं

कर्नाटक और केरल के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि इन राज्यों में काफी संख्या में आईएस सदस्यों की मौजूदगी संबंधी यूएन की रिपोर्ट पुलिस की सूचनाओं पर आधारित है लेकिन वे इसका विश्लेषण करेंगे.

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बेंगलुरू: केरल और कर्नाटक के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि इन दोनों राज्यों में ‘इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के आतंकियों की खासी संख्या’ होने की चेतावनी संबंधी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट में कोई नई जानकारी नहीं है लेकिन इस पर विचार और विश्लेषण किया जाएगा.

आईएसआईएस, अल-कायदा और संबंधित व्यक्तियों और संगठनों को लेकर विश्लेषणात्मक सहायता एवं प्रतिबंध निगरानी टीम की 26वीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अलकायदा इन द इंडियन सबकांटिनेंट (एक्यूआईएस) में 150 से 200 सदस्य बांग्लादेश, भारत, म्यांमार और पाकिस्तान के हैं.

दिप्रिंट ने कर्नाटक और केरल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की जिन्होंने इस पर जोर दिया कि उनके विभागों ने व्यापक जांच की है और संदिग्ध मॉड्यूल पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है.

केरल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) लोकनाथ बेहेरा ने दिप्रिंट को बताया, ‘इसमें कुछ नया नहीं है. हमारे पास उन लोगों की जानकारी है जो आईएस में शामिल होने चले गए. कुछ लोगों को रोका गया है, अन्य पर कड़ी नज़र बनी हुई है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘केरल में आईएस रेडिकलाजेशन की बात जाहिर है और राज्य की जांच एजेंसी के साथ-साथ एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने भी इसकी विस्तृत जांच की है. जब कभी भी हमें इस बारे में पुष्ट जानकारी मिली हमने मामले दर्ज किए हैं और मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया.’


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‘ऐसी रिपोर्ट स्थानीय पुलिस इनपुट पर आधारित’

कर्नाटक पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस तरह की रिपोर्टों को जैसी संयुक्त राष्ट्र ने जारी की है, स्थानीय पुलिस विभागों से मिले इनपुट को संकलित करके तैयार किया जाता है.

उन्होंने बताया कि राज्य की पुलिस टीमें तमाम संदिग्ध लोगों की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रखे हुए हैं और अतिरिक्त इनपुट के लिए संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट का विश्लेषण करेंगी.

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘खुफिया विभाग आतंकी मॉड्यूल पर निगरानी रखने के साथ उनका पता लगाकर माड्यूड का भंडाफोड़ भी कर रहा है. पुलिस एनआईए और अन्य राज्यों के साथ मिलकर भी काम कर रही है. जो प्रकाशित किया गया है उसे मात्र एक रिपोर्ट माना जा सकता है न कि एक खुफिया इनपुट. किसी को भी इन दोनों में भ्रमित नहीं होना चाहिए.’

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि एक्यूआईएस उत्तर प्रदेश के रहने वाले अपने आका असीम उमर उर्फ सना-उल-हक की मौत का बदला लेने के लिए इस क्षेत्र में हमले की साजिश रच रहा है.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है जबकि 14 जुलाई को ही एनआईए ने आईएसआईएस के 17 कथित संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था जो कथित तौर पर कर्नाटक आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा थे. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक, संदिग्धों ने दक्षिण भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए एक समूह बनाया था जिसकी शुरुआत दो संदिग्ध आईएस-प्रशिक्षित आतंकवादियों- बेंगलुरू के महबूब पाशा और तमिलनाडु में कुड्डालोर के ख्वाजा मोइद्दीन ने की थी.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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