नई दिल्ली : गैंगस्टर से राजनेता बने और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अतीक अहमद ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और अदालत से केंद्र को उनकी सुरक्षा का निर्देश देने और अहमदाबाद के केंद्रीय जेल से प्रयागराज या यूपी के किसी जेल में शिफ्ट करने से रोकने की मांग की.
Umesh Pal murder case | Atiq Ahmed moves Supreme Court seeking protection, doesn't want to be shifted to UP jail from Gujarat jail. pic.twitter.com/clUHn3ffs3
— ANI (@ANI) March 1, 2023
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे और उसके पूरे परिवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के धूमनगंज में उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाया गया है. ‘आगे कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने बिना किसी जांच के केवल संदेह के आधार पर राज्य विधानसभा में बयान दिया कि उसे पूरी तरह तबाह और खत्म कर देंगे.’
याचिकाकर्ता ने कहा, इसलिए याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों के जीवन के लिए साफतौर से खतरा है.
ऐसी परिस्थितियों में, याचिकाकर्ता अहमद ने कहा कि वह अपने जीवन की सुरक्षा के लिए न्यायालय के समक्ष वर्तमान याचिका दायर करने के लिए विवश है क्योंकि वास्तव में उसे आशंका है और वह मानता है कि उसे उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किसी न किसी बहाने फर्जी मुठभेड़ में मारा जा सकता है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि यह उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एक गहरी राजनीतिक साजिश है.
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से प्रार्थना की है कि वह याचिकाकर्ता के जीवन की रक्षा के लिए, जिसे प्राथमिकी में अभियुक्त बनाया गया है, राज्य के उच्च पदाधिकारियों से खुले, सीधे और उसके जीवन के लिए तत्काल खतरे को लेकर उचित निर्देश जारी करे.
याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी भारत सरकार को याचिकाकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और याचिकाकर्ता के परिवार के सदस्यों को कोई नुकसान नहीं हो, जिसे उक्त प्राथमिकी में आरोपी बनाया गया है, का निर्देश दे.
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय जेल, अहमदाबाद से प्रयागराज या उत्तर प्रदेश राज्य के किसी भी हिस्से में ले जाने से रोकने के लिए उचित निर्देश जारी करने की भी मांग की.
याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर यूपी ले जाना बहुत जरूरी हो तो किसी भी केंद्रीय पुलिस बल या अर्धसैनिक बल के संरक्षण में अहमदाबाद से उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया जाए.
अहमद ने कहा कि उसका उमेश पाल को मारने में कोई इरादा नहीं था, जो उसके खिलाफ एक अलग मामले में शिकायतकर्ता था क्योंकि मुकदमे की सुनवाई अगले महीने समाप्त होने वाली है और मामले की सुनवाई में उमेश पाल के पास करने के लिए कुछ भी नहीं बचा था.
याचिका के मुताबिक, ‘याचिकाकर्ता के प्रतिद्वंद्वियों को यह अच्छी तरह से पता था कि अगर उमेश पाल को कुछ होता है तो उमेश पाल द्वारा उसके खिलाफ लंबित मामले को देखते हुए याचिकाकर्ता निश्चित रूप से मुख्य संदिग्ध होगा और उसे आरोपी बनाया जाएगा. वही किया गया है.’
गौरतलब है कि उमेश पाल और उनके दो सशस्त्र सुरक्षा एस्कॉर्ट्स में से एक को 24 फरवरी को प्रयागराज के सुलेम सराय इलाके में गोली मार दी गई थी. उमेश और उनके बंदूकधारियों पर कई राउंड फायरिंग की गई और बम फेंके गए.
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