देहरादून: उत्तराखंड में सोमवार को सभी नागरिकों को एक समान अधिकार प्रदान करने के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू कर दिया गया.
यहां आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिमोट के माध्यम से अधिसूचना जारी कर यूसीसी को लागू किया.
यूसीसी लागू होने के बाद उत्तराखंड स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि यह केवल उत्तराखंड के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि इसी क्षण से प्रदेश में यूसीसी लागू हो गई है और सभी नागरिकों को एक समान अधिकार मिल गए हैं.
मुख्यमंत्री ने यूसीसी का पूरा श्रेय राज्य की जनता को देते हुए कहा कि यह उनके लिए भावनात्मक क्षण है कि उन्होंने 2022 में जनता से जो वायदा किया था, उसे वह पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से यूसीसी की नैया पार लगाने का श्रेय केवल जनता को जाता है.
उन्होंने यूसीसी तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति का आभार जताया जिन्होंने अधिनियम का मसौदा तैयार करने में दो लाख 35 हज़ार से ज्यादा लोगों से सुझाव लिए थे.
उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह सहित अधिनियम की नियमावली बनाने वाली समिति का भी आभार जताया.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया.
उत्तराखंड में धर्म और लिंग से परे सभी नागरिकों पर अब यूसीसी लागू होगा. हालांकि, इसके दायरे से, अनुसूचित जनजातियों को बाहर रखा गया है.
उत्तराखंड में यूसीसी को लागू करना प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा किए गए प्रमुख वादों में से एक था.
मार्च 2022 में दोबारा सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में यूसीसी प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए उसका मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन पर मुहर लगा दी गई थी.
न्यायमूर्ति देसाई की अध्यक्षता में 27 मई 2022 को विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी जिसने लगभग डेढ़ साल की मेहनत से राज्य में विभिन्न वर्गों से बातचीत के आधार पर चार संस्करण में तैयार अपनी विस्तृत रिपोर्ट दो फरवरी 2024 को राज्य सरकार को सौंपी.
इसके आधार पर सात फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा के विशेष सत्र में यूसीसी विधेयक पारित कर दिया गया. उसके एक माह बाद 12 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने भी उसे अपनी मंजूरी दे दी.
यूसीसी अधिनियम बनने के बाद पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने उसके क्रियान्वयन के लिए नियमावली तैयार की जिसे हाल ही में राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी.
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