नोएडा, 23 अप्रैल (भाषा) शहर के थाना सेक्टर-113 क्षेत्र में दो व्यापारियों के साथ हुई लूट के मामले में नोएडा पुलिस ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है।
एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार पुलिसकर्मी ने खुद को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का अफसर बताकर घटना को अंजाम दिया। इस घटना में शामिल चार लोग अभी फरार हैं, जिनमें दो लोग कारोबारियों के दोस्त हैं।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जोन प्रथम राम बदन सिंह ने बताया कि सेक्टर-76 के सिलिकॉन सिटी में रहने वाले अश्विनी से उसके दिल्ली निवासी दोस्त रजत वर्मा 18 अप्रैल की रात मिलने आए थे।
अधिकारी के अनुसार इसी दौरान कुछ लोग उनके फ्लैट पर आए तथा खुद को एसटीएफ का अधिकारी बताकर दोनों दोस्तों को बंधक बना लिया और करीब 18.70 लाख रुपए, दो लैपटॉप और दो मोबाइल फोन लूट लिए।
पुलिस ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि रजत वर्मा व अश्विनी के कानपुर निवासी दो दोस्तों ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
उन्होंने बताया कि घटना की जांच कर रही पुलिस ने सिपाही कोमल सिंह यादव निवासी कानपुर और आरोपी आरुष त्रिपाठी को गिरफ्तार कर लिया है। कोमल प्रयागराज पुलिस लाइन में तैनात है और एक साल से गैर हाजिर चल रहा है।
सिंह ने बताया कि इनके पास से घटना में प्रयुक्त दो कार, 6 लाख रुपए, दो लैपटॉप और मोबाइल फोन बरामद किये गये हैं। इस घटना में शामिल अन्य आरोपियों शोभित, गौरव, दीपांशु और उत्कर्ष की पुलिस तलाश कर रही है।
डीसीपी ने बताया कि जांच में पता चला है कि अश्विनी और रजत ने कुछ दिन पहले दीपांशु व शोभित से वीडियो कॉल पर बात की थी। उन्होंने कहा कि इस दौरान शराब पीते हुए अश्विनी व रजत ने फ्लैट में रखी नकदी दोनों को दिखाई, तभी से दीपांशु व शोभित लूट की साजिश रच रहे थे।
रजत का दिल्ली में ज्वेलरी और अश्विनी का टिकट आरक्षण का धंधा है।
भाषा सं. वैभव
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