देहरादून, 13 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड के अधिकांश क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी बारिश के कारण दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं की मौत हो गयी और एक अन्य व्यक्ति नदी के तेज बहाव में लापता हो गया।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, कुमांउ क्षेत्र में उधमसिंह नगर जिले के कई इलाकों में दोपहर बाद हुई तेज बारिश के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गयी और करीब ढ़ाई सौ लोगों को उनके मकानों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा।
बारिश को लेकर मौसम विभाग द्वारा जारी ‘रेड अलर्ट’ के मद्देनजर राज्य भर में शुक्रवार को स्कूल बंद रखे गए। भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए चंपावत जिले में शनिवार को भी स्कूलों को बंद रखे जाने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य परिचालन केंद्र पहुंच कर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही बारिश की जानकारी ली तथा अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए।
चंपावत जिले के लोहाघाट क्षेत्र में दो अलग-अलग घटनाओं में दो महिलाओं की मौत हो गयी और तीन अन्य लोग घायल हो गए।
चंपावत के जिलाधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि लोहाघाट के ढोरजा गांव में भारी बारिश के कारण एक गोशाला के उपर मलबा गिरने से उसमें काम कर रही एक महिला दब गयी।
महिला की पहचान 58 वर्षीय माधवी देवी के रूप में हुई है ।
उन्होंने बताया कि दूसरी घटना लोहाघाट के मटियानी गांव में हुई, जहां एक मकान के भूस्खलन की चपेट में आने से महिला की मौत हो गयी जबकि तीन अन्य लोग घायल हो गए।
मृतक महिला की पहचान 60 वर्षीय शांति देवी के रूप में हुई है।
जिलाधिकारी ने बताया कि घटना में दो बच्चों और एक बुजुर्ग को बचा लिया गया।
वहीं उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में कोंधा अशरफ गांव में अपने खेत में चारा काट रहा 38 वर्षीय गुरनाम सिंह पास की कैलाश नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से पानी के तेज बहाव में बह कर लापता हो गया।
परिचालन केंद्र के अनुसार, उधमसिंह नगर जिले की खटीमा तहसील के खेतलसंडाखाम गांव में अतिवृष्टि के कारण जलभराव की स्थिति पैदा हो गयी, जिसके बाद 34 परिवारों के 180 व्यक्तियों को गांव में ही राजकीय प्राथमिक विद्यालय में ले जाया गया।
वहीं नानकमत्ता क्षेत्र के विचुआ और टुकडी गांवों में भी बारिश का पानी घरों में घुस गया और सुरक्षा के दृष्टि से 14 परिवारों के 70 व्यक्तियों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय विचुआ ले जाया गया।
प्रभावित लोगों के भोजन और ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
कुमांउ क्षेत्र में पिछले दो दिनों में काफी बारिश दर्ज की गयी। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में कुमांउ क्षेत्र में 150 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा रिकार्ड की गयी।
गढ़वाल और कुंमाउं दोनों क्षेत्रों की उंचाई वाली पहाड़ियों पर हिमपात होने की भी सूचना है।
देहरादून में भी पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर लगातार बारिश जारी है ।
मौसम विभाग ने बताया कि देहरादून में पिछले दो दिनों में दिन के अधिकतम तापमान में 9.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गयी।
शुक्रवार को देहरादून का तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस रहा ।
मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को प्रदेश के अधिकांश जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी, जिसके मद्देनजर राज्यभर में पहली से 12वीं कक्षा तक के विद्यालयों में अवकाश घोषित कर दिया गया।
बारिश के कारण भूस्खलन होने से करीब आधा दर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित हो गया।
इन राजमार्गों में रुद्रप्रयाग-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-घाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग, टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग, ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग और ऋषिकेश-देवप्रयाग श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग शामिल है ।
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि भूस्खलन से अवरूद्ध मार्गों पर वाहनों और यात्रियों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद राहत एवं बचाव दलों को वहां भेजा गया और उनके लिए ठहरने तथा भोजन की व्यवस्था कराई गयी है।
वहीं मुख्यमंत्री धामी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश की स्थिति का जायजा लेने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे।
उन्होंने जिलाधिकारियों से बारिश के कारण सड़क, पेयजल और विद्युत आपूर्ति की स्थिति सहित अन्य जानकारियां लीं तथा उन्हें निर्देश दिए कि अतिवृष्टि और भूस्खलन से संबंधित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए।
उन्होंने बहुत भारी बारिश के कारण फंसे श्रद्धालुओं एवं यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने और भोजन की व्यवस्था करने के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए। भाषा दीप्ति जितेंद्र
जितेंद्र
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