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Monday, 4 November, 2024
होमदेशपर्रिकर के देहांत के बाद एमजीपी-कांग्रेस गोवा सरकार को गिराने में लगे थे: विधायक

पर्रिकर के देहांत के बाद एमजीपी-कांग्रेस गोवा सरकार को गिराने में लगे थे: विधायक

गोवा विधानसभा में बुधवार रात बड़ी राजनीतिक उठापटक के बाद एमजीपी के दो विधायक- मनोहर अजगाओंकर और दीपक पौस्कर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए.

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पणजी: महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी (एमजीपी) छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए दो विधायकों में से एक विधायक और पर्यटन मंत्री मनोहर अजगाओंकर ने कहा कि एमजीपी नेता कांग्रेस विधायकों के साथ मिलकर पिछले सप्ताह गठित हुई भाजपा की अगुआई वाली गठबंधन सरकार गिराने की योजना बना रहे थे.

मंगलवार देर रात राज्य विधानसभा परिसर में हुए हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच विधायक दीपक पौस्कर के साथ एमजीपी से निकलकर भाजपा में शामिल हुए. मनोहर ने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार गिराने की कोशिश हो रही थी. वे (एमजीपी) कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे.’

गोवा की भाजपा सरकार को समर्थन दे रही क्षेत्रीय पार्टी तीसरे विधायक सुदिन धावलिकर वर्तमान में राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं, लेकिन भाजपा के सूत्रों के अनुसार, उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल से जल्द निकाला जा सकता है. पिछले कुछ दिनों में एमजीपी और भाजपा के बीच तनाव के सार्वजनिक होने के बावजूद एमजीपी विधायक अजगाओंकर ने भी कहा, ‘मैं भाजपा की अगुआई वाली गठबंधन सरकार को गिराने की योजना में शामिल नहीं होना चाहता था.’

पर्रिकर के 17 मार्च को निधन के बाद तटीय राज्य में दोनों पार्टियों-भाजपा और कांग्रेस ने सरकार बनाने की पूरी कोशिश की थी.

एमजीपी के 2 विधायक आधी रात को भाजपा में हुए शामिल

इससे पहले गोवा विधानसभा में बुधवार रात बड़ी राजनीतिक उठापटक के बाद महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के दो विधायक – मनोहर अजगाओंकर और दीपक पौस्कर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. दोनों विधायकों ने आधी रात को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विनय तेंदुलकर की उपस्थिति में विधानसभा के उपाध्यक्ष माइकल लोबो को पत्र देकर भाजपा की सदस्यता ले ली. इसके साथ ही भाजपा के 14 विधायक हो गए हैं और अब वह विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बरावर हो गई है.

माइकल लोबो ने बुधवार को कहा कि रात 1.45 बजे राजनीतिक विभाजन करने में कुछ भी गलत नहीं है. बुधवार तड़के एमजीपी के इन दोनों विधायकों के भाजपा में विलय करने का पत्र स्वीकार करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लोबो ने यह भी कहा कि विधानसभा के अध्यक्ष के तौर पर 24 घंटे काम के लिए तैयार रहना होता है.

उपाध्यक्ष के तौर पर लोबो की निगरानी में यह विलय हुआ. 2017 से पिछले सप्ताह तक विधानसभा अध्यक्ष रहे प्रमोद सावंत ने 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था.

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