कोलकाता, 21 अगस्त (भाषा) सियालदह के पास दुकानदारों और उपद्रवियों के एक समूह ने कोलकाता विश्वविद्यालय के कारमाइकल छात्रावास के छात्रों पर बुधवार देर रात कथित तौर पर हमला किया और उन्हें ‘बांग्लादेशी’ कहा।
इस घटना के बाद राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना को राज्य के बाहर बंगालियों के उत्पीड़न से जोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार, छात्रावास का एक छात्र सियालदह पुल के नीचे एक दुकान से मोबाइल का सामान खरीदने गया और दुकान के कर्मचारियों के साथ कीमत को लेकर बहस के बाद हाथापाई शुरू हो गई।
जैसे ही विवाद की खबर फैली, छात्रावास के और छात्र भी इसमें शामिल हो गए, जिससे टकराव बढ़ गया।
छात्रों ने आरोप लगाया कि हिंदी भाषी दुकानदारों ने बांग्ला में बात करने के लिए उन्हें गालियां दीं, उन पर ‘बांग्लादेशी’ होने का आरोप लगाया और फिर हॉकी, चाकुओं व क्रिकेट बैट से उन पर हमला किया।
हमले में कई छात्र घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया, ‘गिरफ्तार किए गए लोगों में मोबाइल कवर की दुकान का कर्मचारी दीपक कुमार शॉ (29), नारकेलडांगा का निवासी इम्तियाज अली (35) और उसी दुकान का एक अन्य कर्मचारी शामिल है।’
उन्होंने बताया कि घटना में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।
टीएमसी नेता और पार्टी के राज्य प्रवक्ता कृष्णु मित्रा ने सोशल मीडिया पोस्ट पर एक में इस हमले की निंदा करते हुए इसे जातीय भेदभाव का उदाहरण बताया।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘छात्रों पर हमला करने और उन्हें नस्लवादी अपशब्द कहने के आरोप में अब तक दो बाहरी लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। वे दीपक कुमार शॉ (29) और इम्तियाज अली (35) हैं, दोनों नारकेलडांगा के निवासी हैं। बाकी की तलाश जारी है। पुलिस का शुक्रिया। मुझे उम्मीद है कि वे बाकी दोषियों की भी पहचान करके उन्हें तुरंत गिरफ़्तार करेंगे।’
भाषा जोहेब नरेश
नरेश
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