नयी दिल्ली, 12 मई (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ संबंधी बयान को लेकर सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की और कहा कि वह ‘‘किसी भी बात का श्रेय लेने के इच्छुक नेता’’ हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच गलत तुलना की और उनके द्वारा एक पीड़ित और एक अपराधी को समान बताया जाना चौंकाने वाली बात है।
मध्यस्थता संबंधी ट्रंप की घोषणा के बारे में पूछे जाने पर लोकसभा सदस्य ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘मैं उन्हें एक विशेष राजनेता के रूप में देखता हूं जो किसी भी चीज का श्रेय लेना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार ने शायद कहा था कि अगर वे श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें लेने दें, लेकिन हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि शांति पाकिस्तान के डीजीएमओ के अनुरोध के बाद हुई, जिन्होंने अपने भारतीय समकक्ष से दिन में अपराह्न 3:35 बजे (शनिवार) संपर्क किया और हमें हां कहने में ज्यादा देर नहीं लगी क्योंकि हम कभी भी लंबा युद्ध नहीं चाहते थे।’’
तिरुवनंतपुरम से सांसद ने कहा, ‘‘हमने 7 मई को यह स्पष्ट कर दिया था कि हमने जो किया वह पहलगाम के बदले में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने की कार्रवाई है और हम यह नहीं चाहते थे कि लंबे समय तक चलने वाले संघर्ष की शुरुआत हो… हमने हर चरण में कहा था, हमने अपना काम किया है, हमने एक संदेश भेजा है, यदि आप प्रतिक्रिया करते हैं, तो हम प्रतिक्रिया देंगे।’’
उन्होंने स्पष्ट किया कि वह एक सांसद के रूप में अपनी राय जाहिर कर रहे हैं। थरूर ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि ट्रंप को किसी भी तरह से यह कहना चाहिए था कि अमेरिकी भागीदारी के कारण कश्मीर संबंधी विवाद का अंतरराष्ट्रीयकरण गया है। हम यह भी स्वीकार नहीं करते हैं कि उस तरह का कोई विवाद है, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है… हम इस विवाद का अंतरराष्ट्रीयकरण नहीं चाहते हैं।’’
वहीं, राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में अमेरिका या राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र क्यों नहीं किया, जबकि वे पाकिस्तान के साथ भारत के संघर्ष में ‘हस्तक्षेप’ कर रहे हैं।
सिब्बल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी नहीं बताया कि सैन्य शत्रुता रोकने के लिए पाकिस्तान के साथ सहमति कैसे बनी।
सांसद ने कहा, “हम सभी सशस्त्र बलों के साहस की सराहना करते हैं। देश के लोग पाकिस्तान को करारा जवाब देने के लिए उन्हें सलाम करते हैं। जब भी इस तरह का आतंकी हमला (पहलगाम) होगा, हमारी सेना मुंहतोड़ जवाब देगी।”
सिब्बल ने यहां संवाददाताओं से कहा, “प्रधानमंत्री के संबोधन से कुछ सवाल उठते हैं। उन्होंने न तो अमेरिका का और न ही राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र किया। हर कोई जानता है कि हमें बताया गया कि 10 मई को अपराह्न साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को फोन किया और फिर शाम साढ़े पांच बजे ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया।”
राज्यसभा सदस्य ने कहा, “उन्होंने (ट्रंप ने) दावा किया कि ‘अमेरिका ने संघर्षविराम में मध्यस्थता की’ और हम पिछले 48 घंटों से भारत और पाकिस्तान के साथ बातचीत कर रहे हैं।”
सिब्बल ने ट्रंप की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी ने इस पर भी कुछ नहीं कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने (मोदी ने) कहा कि हमने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के साथ एक नया आयाम स्थापित किया है। हां, भारत के इतिहास में पहली बार किसी तीसरे देश ने हमारे मामले में हस्तक्षेप किया और हमसे कहा कि वे तय करेंगे कि क्या करना है। आप यह भी नहीं बताते कि यह सहमति (पाकिस्तान के साथ) कैसे बनी।’’
भाषा हक जितेंद्र नेत्रपाल
नेत्रपाल
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