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Friday, 20 December, 2024
होमदेश‘ट्रॉफी’, मानसिक बीमारी, महिलाओं से ‘घृणा’ — बरेली का ‘साइको’ किलर गिरफ्तार, लेकिन लोगों को राहत नहीं

‘ट्रॉफी’, मानसिक बीमारी, महिलाओं से ‘घृणा’ — बरेली का ‘साइको’ किलर गिरफ्तार, लेकिन लोगों को राहत नहीं

पुलिस ने बताया कि 35-वर्षीय एक व्यक्ति ने ग्रामीण बरेली के गन्ने के खेतों में 6 महिलाओं की हत्या करने की बात कबूल की है और तीन अन्य की मौत का शक भी उसी पर है, लेकिन हर कोई इस सीरियल किलर की कहानी पर यकीन नहीं कर रहा.

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बरेली: हरे-भरे गन्ने के खेतों में एक सांप घूमता है और फिर तेज़ी से ऊंचे घने डंठलों में गायब हो जाता है, आस-पास खड़े लोग चर्चा करते हैं कि गांव वालों के लिए अपने खेतों में जाना कितना ख़तरनाक होगा, लेकिन सांपों की उन्हें चिंता नहीं है.

उत्तर प्रदेश के बरेली का यह ग्रामीण इलाका पिछले जून से ही सदमे और एक अज्ञात हमलावर के डर से त्रस्त है.

45 से 65 वर्ष की आयु के बीच की नौ महिलाएं ऐसे खेतों के पास रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई हैं, सभी की हत्या एक ही तरीके से की गई है — उनकी साड़ियों, दुपट्टों या सलवार के पल्लू से बने एक तंग फंदे से गला घोंटना. कई बार खेतों में खोई लाशों को खोजने में कई दिन लग जाते हैं.

इस साल जुलाई में पुलिस को आखिरकार यकीन हो गया कि बरेली में एक दरिंदे का साया मंडरा रहा है. जांचकर्ताओं ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गहन जांच शुरू की, जिसमें एम्स और अन्य अस्पतालों के मनोचिकित्सकों और अपराध विज्ञानियों से सलाह ली गई ताकि संभावित सीरियल किलर को समझा जा सके और उसका प्रोफाइल तैयार किया जा सके. किसी बाहरी व्यक्ति को यह नेटफ्लिक्स की सच्ची घटनाओं पर आधारित क्राइम डॉक्यूमेंट्री लग सकती है.

Bareilly's sugarcane fields — the serial killer's hunting ground | Bismee Taskin | ThePrint
बरेली के गन्ने के खेत — सीरियल किलर का शिकारगाह | फोटो: बिस्मी तस्कीन/दिप्रिंट

शुक्रवार को बरेली पुलिस ने खुलासा किया कि बरेली के बाकरगंज गांव के निवासी 35-वर्षीय कुलदीप की गिरफ्तारी के साथ उनकी तलाश आखिरकार खत्म हो गई, जिसने कहा कि उसने हत्याओं की बात को कबूल कर लिया है.

“साइको किलर पकड़ा गया” — उसकी गिरफ्तारी की खबर आग की तरह फैली.

उसकी तस्वीर तब से वायरल हो रही है — चेक्ड फुल स्लीव शर्ट पहने एक छोटे कद का आदमी. पुलिस ने बताया कि पिछले साल की हत्याओं के बाद से उसने बहुत अधिक “भांग” खाने के कारण काफी वजन कम कर लिया है.

उस पर अब तक नौ महिलाओं में से छह की हत्या का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने कहा है कि वे अन्य तीन हत्याओं में उसकी भूमिका की भी जांच कर रहे हैं, जिनके लिए संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कुलदीप ने कथित तौर पर इनमें से पांच महिलाओं का उनकी साड़ियों के पल्लू से गला घोंट दिया था, एक का गला उसके दुपट्टे से घोंटा गया था.

Kuldeep has been arrested for the murders of six women | Bareilly Police
कुलदीप को छह महिलाओं की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है | बरेली पुलिस

पुलिस अधीक्षक (दक्षिण बरेली) मानुष पारीक के अनुसार, पुलिस ने इन हत्याओं से जुड़े कई सामान बरामद करने का दावा किया है, जैसे ब्लाउज से फटा हुआ कपड़ा, लाल बिंदी और लाल लिपस्टिक, एक मतदाता पहचान पत्र, हसिया (खेती के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दरांती), अन्य चीज़ें, जिन्हें उसने “ट्रॉफी” के रूप में इकट्ठा किया था.

पुलिस का कहना है कि ये हथियार उसके रिश्तेदारों के घरों के पास से बरामद किए गए, जहां वो अक्सर हत्याओं के बाद रुकता था.

कुछ मामलों में वो कथित तौर पर खेतों में महिलाओं को ट्रैक करने के लिए जूते की तलाश करता था और हमला करने के लिए सही मौके की तलाश में लंबी घास के पीछे छिप जाता था.


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‘सीरियल किलर’

कुलदीप की गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले, पुलिस ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए थे, जिनमें से दो उससे मिलते-जुलते थे. पुलिस का कहना है कि यह स्थानीय निवासियों और खासतौर पर एक महिला की जानकारी के आधार पर तैयार किया गया था, जिसने कहा था कि उसका भी पीछा किया गया था, लेकिन अन्य लोगों की मौजूदगी के कारण उसे बचा लिया गया था.

गिरफ्तारी के बाद पीड़ितों के कुछ परिवार और अन्य ग्रामीण राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन हर कोई इस सीरियल किलर की कहानी पर यकीन करने को तैयार नहीं है.

कुलदीप के पड़ोसी मोहन लाल ने कहा, “ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे वो ऐसा कर सके. वो जन्म से ही मानसिक रूप से कमज़ोर है और बहुत मासूम है. उसकी हालात देखिए. ये महिलाएं उससे ज़्यादा भारी थीं.” आरोपी के पिता बाबूराम और अन्य ग्रामीण सहमति में सिर हिलाते हैं.

उन्होंने टिप्पणी की, “पुलिस ने उसे फंसाया है क्योंकि वो अपना बचाव नहीं कर सकता. इसके अलावा, यहां एक भी ऐसा मामला नहीं है जहां उसने कभी किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार किया हो. वो हत्या करने के लिए 40 किलोमीटर दूर क्यों जाएगा? क्या यहां कोई महिला नहीं है?”

Kuldeep’s father Baburam outside their house in Bakarganj | Bismee Taskin | ThePrint
कुलदीप के पिता बाबूराम बाकरगंज में अपने घर के बाहर | फोटो: बिस्मी तस्कीन/दिप्रिंट

इस साल 3 जुलाई को मारे गए हौसपुर की 46-वर्षीय अनीता देवी के परिवार के सदस्य भी यह नहीं मानते कि कुलदीप ने उनकी हत्या की है.

उनके पति सोम पाल ने कहा, “पुलिस इस मामले को खत्म करना चाहती थी, इसलिए उन्होंने मेरी पत्नी के मामले को अन्य हत्याओं के साथ जोड़ दिया. हमें लगता है कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने पुरानी दुश्मनी के चलते उसकी हत्या की है.”

हालांकि, कुलदीप के बचपन के जख्म, उसके अनुभव, मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं के प्रति उसकी “घृणा” और मानसिक बीमारी का इतिहास — ये सभी चीज़ें सीरियल किलर से जुड़ी हुई लगती हैं.

एसपी पारीक ने कहा, “उसके पिता उसकी मां को पीटते थे और फिर उन्होंने दूसरी शादी कर ली. उसके बाद हालात और खराब हो गए. उसने 2014 में शादी कर ली, लेकिन उसकी पत्नी ने उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने के कारण जल्द ही छोड़ दिया. संपर्क करने पर, उसने (पत्नी) उससे (कुलदीप) कोई संबंध होने से इनकार किया. वह मानसिक रूप से बहुत परेशान है और गंभीर मानसिक विकारों से पीड़ित है. उसका अपनी सौतेली मां के साथ तनावपूर्ण संबंध है और उस आयु वर्ग की महिलाओं के प्रति उसकी नफरत यहीं से उपजी है.”

पुलिस टीमों को कुलदीप से कबूलनामा करवाने के लिए सादे कपड़ों में पूछताछ करनी पड़ी. एसपी ने कहा, “वो भ्रम में जी रहा है. उसे लगता है कि उसने जो किया वो सही है. असल में उसने कुछ दुकानदारों से हत्याओं के बारे में बात की थी, लेकिन लोगों ने उसे अनदेखा कर दिया क्योंकि उन्हें लगा कि वो मानसिक रूप से अक्षम है और ध्यान खींचने के लिए कहानियां गढ़ रहा है.”

गिरफ्तारी की घोषणा करने के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पुलिस ने कुछ पीड़ितों की तस्वीरें दिखाईं और बताया कि कुलदीप ने कथित तौर पर इन महिलाओं की हत्या कैसे और क्यों की. स्लाइड शो में उन इलाकों का नक्शा भी था जहां हत्याएं की गई थीं, रिश्तेदारों — बहनों और चाचाओं के घरों के साथ सीमांकित किया गया था — जहां आरोपी कथित तौर पर हत्याओं के बाद रहता था.

पिछले साल जुलाई में 55-वर्षीय प्रेमवती की हत्या करने के बाद, वो कथित तौर पर आनंदपुर में अपनी चचेरी बहन मिथिलेश के साथ रहता था. उन्होंने कहा, “वो बचपन से ही मानसिक रूप से कमज़ोर है. उसे कुछ भी समझ नहीं आता. उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस यहां आई थी. हमने उन्हें बताया कि हमें कुछ नहीं पता. वो ज्यादातर रात के खाने के समय घर आ जाता था.”

कुलदीप के पिता बाबूराम और सौतेले भाई राज कुमार भी कुछ ऐसी ही बातें कहते हैं.

पिता ने कहा, “वो कई साल पहले घर से चला गया था. दो साल पहले अपनी मां की मौत से पहले वो ज्यादातर समय उन्हीं के साथ रहता था और वो काफी शांत स्वभाव का है. पुलिस का यह कहना कि वह अपनी पत्नी को पीटता था, गलत है. पत्नी ने उसे इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वो कभी घर पर नहीं रहता था और कमाता नहीं था.”

पुलिस, कुलदीप के परिवार और पड़ोसियों के अनुसार वो आवारा किस्म का व्यक्ति था जो न तो स्कूल जाता था और न ही कमाई के लिए जाता था. पुलिस ने यह भी कहा है कि वो “शराबी” और “नशे का आदि” था. उसके पास कभी मोबाइल फोन भी नहीं था.

बाकरगंज के एक अन्य निवासी यशपाल ने कहा, “वो इतना भोला है कि जब कोई बच्चा उसे डांटता है तो भी वो चुप हो जाता है.”

शिकार का तय वक्त

कुलदीप पर जिन छह हत्याओं का आरोप है, वो सभी शाही और शीशगढ़ इलाकों में हुई हैं. महिलाएं आनंदपुर, कुलचा, खरसैनी, लखीमपुर, जगशीपुर और हौसपुर के पड़ोसी गांवों की थीं.

शवों के मिलने के सभी स्थान भीड़भाड़ वाले इलाकों से अलग हटकर जंगल और गन्ने के खेतों में थे, जहां 6 फीट तक ऊंचे डंठल थे. ये सभी हत्याएं दिन के उजाले में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच की गईं, जब खेत खाली होते थे. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कभी-कभी जब वो आसपास लोगों को देखता था, तो अपना रास्ता बदल लेता था और कोई दूसरा लक्ष्य तलाशने की कोशिश करता था.

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनुराग ने कहा, “उसके शिकार का तय वक्त होता है — जून से नवंबर के बीच गन्ना उगाने का मौसम.”

पिछले साल, कुलदीप ने कथित तौर पर पहली हत्या 17 जून को की थी और आखिरी हत्या 26 नवंबर को की थी. पीड़ितों में प्रेमवती (55), धनवती (43), दुलारी देवी (65), महमूदन (65) और उर्मिला देवी (55) शामिल हैं. 46-वर्षीय अनीता देवी की हत्या इसी साल 3 जुलाई को की गई.

Sompal holds a picture of his deceased wife, Anita Devi | Bismee Taskin | ThePrint
सोमपाल अपनी मृत पत्नी अनीता देवी की तस्वीर पकड़े हुए | फोटो: बिस्मी तस्कीन/दिप्रिंट

“ऑपरेशन तलाश” के तहत पुलिस की 22-टीमें बनाई गईं और 25 किलोमीटर के दायरे में जांच की गई — फर्ज़ी जाल बिछाए गए, 600 सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई, छिपे हुए कैमरों के साथ पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया.

एसएसपी आर्य ने कहा, “जब वो महिलाओं को अकेला देखता तो उन्हें अपना शिकार बनाता, उनका पीछा करता और फिर हमला करता. कभी-कभी, वो उनसे बात करने की कोशिश करता था. उसका पहला इरादा उनका यौन उत्पीड़न करना होता, लेकिन जब वे विरोध करतीं, तो वो उन्हें मार देता. वो किसी की ना नहीं बर्दाश्त कर सकता था. एक मामले में उसने महिला के चेहरे पर मुक्का मारा और फिर उसका गला घोंट दिया. महिलाओं को मारने के बाद वो उनकी गर्दन में फंदा बांध देता था, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे मर चुकी हैं.”

पुलिस अब मृतक महिलाओं की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का फिर से विश्लेषण कर रही है, ताकि प्रतिरोध के संकेतों का पता लगाया जा सके. एसपी पारीक ने कहा, “अगर सबूत मिलते हैं, तो हम उस पर बलात्कार का भी आरोप लगाएंगे.”

अधिकारियों का कहना है कि संघर्ष के दौरान महमूदन ने कुलदीप को अपनी “हसिया” से घायल कर दिया था, जिसके निशान उसकी उंगलियों पर देखे जा सकते हैं.

आर्य ने बताया, “कुलदीप को सब कुछ याद है. उसे याद है कि संघर्ष में प्रत्येक पीड़िता के ब्लाउज के कितने बटन गिरे थे, एक महिला के बैग में कितने आम थे, कैसे उनमें से एक ने उसे वापस मारने की कोशिश की थी.”


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वो महिलाएं जो कभी वापस नहीं लौटीं

मामले और कुलदीप की गिरफ्तारी की चर्चा उन गांवों में गूंज रही है जहां मृतक महिलाएं रहती थीं. हौसपुर की आशा देवी ने कहा, “पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है, उन्होंने ठीक से जांच की होगी. कम से कम अब हम अकेले बाहर निकल सकते हैं.”

पुरुष अपने “अड्डों” पर बैठकर जांच के बारे में बात कर रहे हैं. खरसैनी निवासी राम नाथ ने कहा, “वो पागल है. इसलिए उसने महिलाओं को मार डाला. मैंने उसका चेहरा देखा है, यकीन करना मुश्किल है कि वही हत्यारा है, लेकिन पुलिस अच्छी तरह जानती है. किसी के चेहरे को देखकर कोई नहीं जान सकता कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है.”

प्रेम राज मौर्य अपनी मृत पत्नी धनवती के बारे में बात करते हुए रो पड़ते हैं, जो दवा खरीदने के लिए कुलचा गांव में अपने घर से निकली थीं, लेकिन कभी वापस नहीं लौटीं. महिला का शव दो दिन बाद, 19 जून, 2023 को गर्मी के कारण आंशिक रूप से सड़ा हुआ मिला. वो कथित तौर पर कुलदीप की पहली शिकार थीं.

Dhanwati's family in Kulcha village | Bismee Taskin | ThePrint
कुलचा गांल में धनवती का परिवार | फोटो: बिस्मी तस्कीन/दिप्रिंट

मौर्या जिनकी आंखे थोड़ी कमज़ोर हैं, ने बताया, “वो हमारे घर से 500 मीटर दूर गन्ने के खेतों में मिली थी. दोपहर के समय वो दवा की दुकान पर जाने के लिए कच्ची सड़क से गई थी.” धनवती के परिवार में चार बेटियां और एक बेटा है.

अनीता देवी पिछले साल 1 जुलाई को खेरका गांव (हौसपुर से लगभग 20 किलोमीटर दूर) में अपने मायके के लिए निकली थीं और अगले दिन वापस आने वाली थीं. वह लगभग 11 बजे निकलीं, उनके पति सोमपाल याद करते हैं कि जब वह शाम को घर लौटे, तो उन्होंने चारों बच्चों से पूछा कि क्या उनकी मां वापस आ गई हैं.

उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कहा कि वे खेरका में अपनी मां के घर पर फोन करें. हमें अगले दिन कुछ बागानों का काम करना था. हमें पता चला कि वो कुछ घंटे पहले ही चली गई थी. हमने अपने सभी रिश्तेदारों को फोन किया और उसकी तलाश शुरू कर दी. अगले दिन रात लगभग 9 बजे, एक पड़ोसी ने बताया कि हमारे घर से 2 किलोमीटर दूर एक शव मिला है. वो मेरी पत्नी का शव था.”

हालांकि, जब तक परिवार वहां पहुंचा, तब तक शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका था.

अनीता के बेटे राजीव कुमार ने बताया, “उनके शव के पास बैंक पासबुक और उनका आधार कार्ड मिला.”

अनीता को बुझिया जागीर गांव के जंगल में उसकी गुलाबी साड़ी के पल्लू से गले में बंधा हुआ पाया गया.

65-वर्षीय दुलारी देवी अपने पति की मौत के बाद अपने पैतृक गांव खरसैनी में अकेली रहती थीं. उनकी विवाहित बेटी दूसरे गांव में रहती है. वे 20 नवंबर को अपने घर से करीब 250 मीटर दूर अपने खेतों में गई थीं. उसी शाम उनका शव मिला.

Dulari Devi, 65, lived alone in Kharsaini. She was found dead in the fields in November | Bismee Taskin | ThePrint
65-वर्षीय दुलारी देवी खरसैनी में अकेली रहती थीं. नवंबर में वे खेतों में मृत पाई गईं | फोटो: बिस्मी तस्कीन/दिप्रिंट

उनके भतीजे जीवन लाल ने बताया, “वे बूढ़ी और असहाय थीं. हत्यारे ने उन्हें इसलिए शिकार बनाया क्योंकि वह प्रतिरोध नहीं कर सकती थीं.”

बाकरगंज में कुलदीप के घर के पास चौपाल (सामुदायिक स्थान) के बाहर भीड़ जमा है, भले ही वह शायद ही कभी वहां रहता हो. यहां हर कोई उसकी बेगुनाही की गवाही देता है.

घर के एक हिस्से में एक चमकदार लाल रंग की कार खड़ी है. बच्चे अंदर-बाहर भाग रहे हैं और कुलदीप की भाभी उन पर चिल्लाती हैं कि मीडिया से बात न करें.

पड़ोसी मोहन लाल ने कहा, “कुलदीप का परिवार संपन्न है. उसकी मां एक अस्पताल में काम करती थी और परिवार के पास बहुत ज़मीन है. हमने उसे अपने सामने बड़ा होते देखा है. उसने कभी बकरी भगाने के लिए आवाज़ भी नहीं उठाई.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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